भविष्य की उम्मीदों पर लगा लॉक, नहीं तय हो सके हैं बैंक लोन के लक्ष्य
नए वित्तीय वर्ष के लिए जिस समय बैंक लोन के नए टारगेट तय कर रहा था उसी समय कर्फ्यू ने सब कुछ लॉक कर दिया। न लोन का बैंकों का लक्ष्य अब तक तय हो सका है और न ही ही कोई सेक्टर बैंक में लोन लेने पहुंचा।
अश्विनी शर्मा, मोगा : नए वित्तीय वर्ष के लिए जिस समय बैंक लोन के नए टारगेट तय कर रहा था उसी समय कर्फ्यू ने सब कुछ लॉक कर दिया। न लोन का बैंकों का लक्ष्य अब तक तय हो सका है और न ही ही कोई सेक्टर बैंक में लोन लेने पहुंचा। पिछले साल पांच हजार करोड़ का लोक सिर्फ कृषि सेक्टर के लिए हुआ था। इस समय तो अभी किसान सिर्फ अभी तक मंडी में फंसे हुए हैं, लोन के बारे में सोचना तो उनके लिए दूर की बात है। पहली बार गेहूं का सीजन काफी लंबा चला। यही स्थिति विद्यार्थियों के साथ भी है। जिन्होंने विदेशों में पढ़ाई के लिए तैयारी की थी, लॉकडाउन ने उनके रास्ते बंद कर दिए। अब जब स्कूल, कॉलेज खुलेंगे तभी दोबारा लोन की प्रक्रिया गति पकड़ेगी। उधर शहर की एग्रो इंडस्ट्रीज की इस समय सबसे बड़ी चिता यह है कि इस सीजन के लिए तैयार माल ग्राहक तक पहुंचे। आगे के कारोबार के बारे में बात में सोचेंगे, यही वजह है कि अभी इंडस्ट्रीज सेक्टर से भी लोन की डिमांड नहीं आ रही है।
-------------------
लीड बैंक मैनेजर बजरंग ने बताया कि पिछले वर्ष 2019 अप्रैल से लेकर मार्च 2020 तक कृषि लोन का लक्ष्य सात हजार 536 करोड़ रुपये था। जिला मोगा में पांच हजार 802 करोड़ रुपये कृषि लोन किया गया था। वहीं पिछले वर्ष शिक्षा लोन को लेकर 52 करोड़ रुपये का टारगेट निर्धारित किया गया था, जिसमें से जिला मोगा में 9 करोड़ 22 लाख रुपये का शिक्षा लोन किया गया था। लेकिन इस बार कृषि व शिक्षा लोन को लेकर पहली तिमाही रिपोर्ट जून माह के बाद आएगी।
----------------------------
केंद्र सरकार के राहत पैकेज से मिल सकती है बैंकों को राहत : लीड मैनेजर
जिले के लीड बैंक मैनेजर बजरंग कुमार ने बताया कि फिलहाल बैंकों में सामान्य तौर पर लेनदेन जारी है, लेकिन लॉक डाउन के चलते उद्योगों के बंद होने पर बड़े स्तर पर होने वाला लेनदेन बेहद कम है तथा कृषि व शिक्षा लोन भी ना के मात्र ही हो रहा है। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा जारी राहत पैकेज मिलने से बैंकों को राहत मिल सकती है।
------------
फोटो-50, 51
सेवा केंद्र बंद होने से प्रार्थी नहीं कर पा रहे अप्लाई
इमीग्रेशन संचालक हरमन सिंह गिल ने कहा कि इस समय सबसे बड़ी समस्या ये आ रही है कि दुनिया भर में लॉकडाउन के कारण विदेश में पढ़ने के इच्छुक बच्चों के ऑफर लेटर को विदेशी स्कूल कॉलेजों से आ रहे हैं, लेकिन बायो मैट्रिक सेवा केंद्र बंद होने के कारण अप्लाई ही नहीं हो पा रहा है। ऐसे में बच्चों को अभी पता ही नहीं है कि कब बायो मैट्रिक सेवा केन्द्र खुलेंगे, अभी से लोन लेकर कोई फायदा नहीं होगा। यही वजह कि बच्चे अभी असमंजस की स्थिति में हैं।
----
अभी खरीदारी में पैसे की आ रही है समस्या
एग्रो इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष
एपीएस खन्ना ने कहा कि अभी तो एग्रो इंडस्ट्रीज छूट के बाद खुली है, पहले से बना माल ही ग्राहकों तक नहीं पहुंच पा रहा है, पहले माल पहुंचाने की समस्या आई थी, अब लोग माल खरीदने को तैयार हैं लेकिन पैसे की बात नहीं कर रहे हैं, ऐसे में इंडस्ट्रीज के विस्तार की बात पर तो अभी कोई सोच भी नहीं पा रहा है। लोन तो बहुत दूर की बात है।