खालिस्तान समर्थकों ने केंद्र सरकार व कैप्टन अमरिंदर पर साधा निशाना
जरनैल सिंह भिंडरावाला के गांव रोडे में आयोजित समारोह में खालिस्तान समर्थकों ने केंद्र सरकार व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर पर जमकर निशाना साधा।
जेएनएन, मोगा। दमदमी टकसाल के 14वें प्रमुख रहे जरनैल सिंह भिंडरावाला के जन्म स्थान गांव रोडे में नवनिर्मित गुरुद्वारा संत खालसा का उद्घाटन किया गया। कई सिख संगठनों के सदस्य शामिल हुए। इस मौके पर खालिस्तान समर्थकों ने केंद्र सरकार व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर पर जमकर निशाना साधा और एक बार फिर खालिस्तान की मांग दोहराई। पूरे कार्यक्रम का टीवी चैनल पर सीधा प्रसारण किया गया। इस दौरान पूर्व कृषि मंत्री जत्थेदार तोता सिंह का सम्मान भी किया गया।
पूरे कार्यक्रम का किया गया सीधा प्रसारण, पूर्व मंत्री कृषि जत्थेदार तोता सिंह का भी हुआ सम्मान
समारोह में एसजीपीसी अध्यक्ष जत्थेदार गुरचरण सिंह ने दमदमी टकसाल को सिख पंथ की रीड की हड्डी बताया। अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने सिख संगत से कहा कि वह अपने घरों में शस्त्र अवश्य रखें। उन्होंने कहा कि दमदमी टकसाल की मजबूती ही पंथ की मजबूती है। शिरोमिणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भाई गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा की सेवाओं की प्रशंसा की।
कार्यक्रम में मौजूद लोग।
इस अवसर पर उन्होंने जेलों में बंद उन सिख कैदियों की रिहाई की मांग की, जो अपना सजाएं पूरा कर चुके हैं। दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान मंजीत सिंह ने कहा कि वोट की राजनीतिक के लिए सिखों पर हमेशा से पक्षपात किया गया, जिसे अब किसी भी तरह से सहन नहीं किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: रेलवे ने क्रिकेटर हरमनप्रीत का बांड किया माफ, पंजाब में बनेंगी डीएसपी
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार जैसे लोग कभी नहीं दिखे, लेकिन सिख समुदाय पर उन्होंने हमेशा ही अपने तीखे शब्दों का प्रयोग किया है। समारोह के दौरान बब्बर खालसा इंटरनेशनल के प्रमुख परमजीत सिंह भ्यौरा व बुडैल जेल ब्रेक के आरोपित जगतार सिंह हवारा की तरफ से जेल से भेजा गया पत्र भी पढ़कर सुनाया।
यह भी पढ़ें: एक करोड़ की कार पर लगेगा सवा पांच लाख का खास नंबर
समारोह में ज्ञानी हरप्रीत सिंह, ज्ञानी रघबीर सिंह, जत्थेदार तोता सिंह, भाई मलकीत सिंह मुख्य ग्रंथी श्री अकाल तख्त साहिब, भाई राम सिंह, भाई भागसिंह, ज्ञानी रणजीत सिंह, भाई इशर सिंह, करनैल सिंह हजूर साहिब आदि ने भी सिख विरोधी नीतियों के लिए केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया और भारतीय सेना पर निशाना साधा।