थाने के आगे शव रखकर संस्कार की तैयारियां कर रहे परिजनों पर भांजी लाठियां
मोगा कस्बा धर्मकोट के गांव रेड़वां में अवैध खनन को लेकर दो पक्षों में हुए झगड़े के दौरान गोली लगने से घायल जगसीर सिंह की मौत हो गई है। पुलिस इस बारे में घटना के 21 दिन बाद भी फायरिग करने वाले किसी भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इससे नाराज मृतक के परिजनों ने सोमवार को थाने के बाहर इंसाफ की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक पुलिस हत्यारोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता वे शव का संस्कार नहीं करेंगे। शव सिघावाला स्थित शव प्रिजर्व केंद्र में भेज दिया।
संवाद सहयोगी, मोगा
कस्बा धर्मकोट के गांव रेड़वां में अवैध खनन को लेकर दो पक्षों में हुए झगड़े के दौरान गोली लगने से घायल जगसीर सिंह की मौत हो गई है। पुलिस इस बारे में घटना के 21 दिन बाद भी फायरिग करने वाले किसी भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इससे नाराज मृतक के परिजनों ने सोमवार को थाने के बाहर इंसाफ की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक पुलिस हत्यारोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, वे शव का संस्कार नहीं करेंगे। शव सिघावाला स्थित शव प्रिजर्व केंद्र में भेज दिया। उधर, देर रात लगभग नौ बजे पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी मिली कि प्रदर्शनकारी परिजन शव की चिता सजाकर थाने के बाहर संस्कार की तैयारियां कर रहे हैं, तो पुलिस ने परिजनों व रिश्तेदारों पर लाठियां भांजकर उन्हें मौके से भगा दिया। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। उधर, इस बारे में डीएसपी सुबेग सिंह का कहना है कि पीड़ितों को कार्रवाई के बारे में दो दिन का आश्वासन दिया गया है। इसी के आधार पर वे वहां से चले गए। लाठीचार्ज की कोई बात नहीं है।
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यह है मामला
धर्मकोट के गांव रेड़वां में एक पक्ष के लोग अवैध रूप से रेत का खनन कर रहे थे। दूसरे पक्ष के लोगों को पता चला तो उन्होंने खनन कर रहे लोगों पर ताबड़तोड़ फायरिग कर दी थी। फायरिग में गोली लगने से तीन लोग घायल हुए थे। इनमें जगसीर सिंह पेट में गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया था। इससे बा उसे पहले सिविल अस्पताल लाया गया, जहां से बाद में उसे मेडिकल कालेज फरीदकोट ले जाया गया था। जहां रविवार को जगसीर सिंह की मौत हो गई। इससे नाराज जगसीर सिंह के परिजनों ने कुछ लोगों के साथ मिलकर धाना धर्मकोट के बाहर धरना शुरू कर दिया है। प्रदर्शनकारी पुलिस पर पक्षपात पूर्ण कार्रवाई का आरोप लगा रहे हैं। फायर .12 बोर की बंदूक से किए गए थे। इस मामले में पुलिस ने चार अज्ञात लोगों सहित आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
थाना प्रभारी गुलजिदर सिंह सेखों ने बताया कि इस मामले में गग्गू सिंह की शिकायत पर निक्का सिंह पुत्र काला सिंह, गब्बर सिंह पुत्र काला सिंह, काला सिंह पुत्र नामलूम निवासी चुगा बस्ती धर्मकोट व कुलविदर सिंह पुत्र करनैल सिंह निवासी गांव रेडवा समेत आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
गग्गू सिंह गांव के ही जगसीर सिंह का ट्रैक्टर चलाता है। घटना वाले दिन वह अपने ताया के लड़के हरंबस सिंह पुत्र बलबीर सिंह साथ जगसीर सिंह का ट्रैक्टर ट्राला उसके घर छोड़कर आया था। इस दौरान मनप्रीत सिंह पुत्र गुरदीप सिंह, पीता तथा जगसीर सिंह पुत्र पाल सिंह, पाल सिंह पुत्र नाजर सिंह घर के बाहर खड़े हुए थे। इसी दौरान कुछ लोग तीन मोटरसाइकिल पर आए और गाली-गलौज करने लगे। इसी दौरान काला सिंह नामक व्यक्ति ने अपनी .12 बोर की बंदूक से फायर कर दिया था। पाल सिंह के गोली लगने से वह जमीन पर गिर गया, फिर काला सिंह ने सीधा फायर शिकायतकर्ता की ओर किया, छर्रे उसकी टांग पर लगे। बाद में निक्का सिंह ने अपनी देसी पिस्तौल से जगसीर सिंह पर सीधा फायर किया, तो वह पेट में गोली लगने के कारण जमीन पर गिर गया। घायलों को पहले सिविल अस्पताल मोगा में दाखिल करवाया गया था। जिसके बाद में जगसीर सिंह की हालत गंभीर होने पर उसे गुरु नानक मेडिकल कालेज फरीदकोट रेफर कर दिया। जहां जगसीर सिंह की रविवार को मौत हो गई।
थाने के बाहर धरने देने वालों को आरोप है कि कुछ दिन पहले गांव संघेड़ा में रेत की ट्राली वाले खड्डे में रेत का ट्राला भरने को लेकर उनमें बहस हुई थी। उसी रंजिश में दूसरे पक्ष के लोगों ने हमला कर दिया था।