जन्माष्टमी मेले में 25 साल बाद नहीं लगेंगे झूले
गीता भवन क्षेत्र श्री कृष्ण जन्माष्टमी मेले का रूप लेने लगा है। नगर निगम की बढ़ती डिमांड के चलते पिछले 25 सालों में पहली बार जन्माष्टमी मेले के मौके पर बच्चे झूलों का लुत्फ नहीं उठा सकेंगे।
तरलोक नरूला, मोगा : गीता भवन क्षेत्र श्री कृष्ण जन्माष्टमी मेले का रूप लेने लगा है। नगर निगम की बढ़ती डिमांड के चलते पिछले 25 सालों में पहली बार जन्माष्टमी मेले के मौके पर बच्चे झूलों का लुत्फ नहीं उठा सकेंगे। हालांकि गीता भवन चौक से लेकर गीता भवन तक दुकानें लगने के साथ ही रंग-बिरंगी लाइटें लगाई जा रही हैं। उधर मंदिरों में भी 24 अगस्त को होने वाली जन्माष्टमी को देखते हुए भव्य तैयारियां की जा रही हैं।
गौरतलब है हर बार नगर निगम झूले के लिए टैंडर लगाकर मोटी राशि वसूलती है। झूले के टैंडर महंगे दामों पर जाने के कारण शहर के एक मात्र इस मेले में सस्ते मनोरंजन की उम्मीद रखने वाले लोगों की झूलों के नाम पर जमकर जेब कटती है। इस बार जालंधर का एक झूला लगाने वाली कंपनी ने संपर्क किया तो निगम ने 10 लाख की रिजर्व प्राइस बताया, जिस पर झूला कंपनी ने अपने पैर पीछे खींच लिए, अन्य कोई कंपनी आने को तैयार नहीं है। झूला संचालक का कहना है कि निगम को महंगे दाम पर ठेका लेने के बाद भी पार्षदों व अन्य गणमान्यों फ्री पास देने होते हैं, जिससे यहां घाटा होता है। निगम की रिजर्व प्राइम कम होने पर सोचा जा सकता था।
जन्माष्टमी पर धनिए के भोग का महत्व : अक्षय शर्मा
शिवाला मंदिर के प्रमुख पं.अक्षय शर्मा के अनुसार जन्माष्टमी पर धनिया पंजीरी प्रसाद के रूप में वितरित करने का विशेष महत्व है। पंजीरी काफी पोषक तत्वों से भरी होती हैं। इसमें पिसी चीनी, घी, आटा और ड्राई फ्रूट्स डाले जाते हैं। पंजीरी में आटे की जगह पिसे धनिया का भी इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल, व्रत के दौरान अनाज का सेवन करने की अनुमति नहीं होती, इसलिए धनिये का उपयोग किया जाता है। धनिए के प्रसाद में धनिया, बूरा चीनी व पंचामृत मिला होता है जो तमाम पोषक तत्वों से युक्त होने के कारण ताकतवर होता है। यह भोग सिर्फ जन्माष्टमी पर ही लगाया जाता है। श्री सनातन धर्म हरि मंदिर के पुजारी पंडित पवन गौड ने बताया कि जन्माष्टमी पर शाम के समय भगवान श्री कृष्ण का श्रृंगार होगा। बाल स्वरूप का झूला सजाया जाएगा। भजन, कीर्तन शुरू हो जाएंगे। दोपहर बाद मंदिर में सजे भगवान के झूले को भक्तजन झुला सकेंगे। भगवान का कीर्तन होगा। रात्रि 12 बजे जन्मोत्सव के बाद आरती होगी।
सजने लगे शहर के मंदिर
श्रीराम शरणम आश्रम में जन्माष्टमी पर विशेष अमृतवाणी सत्संग सायं 7 से 8.30 तक होगा। इस दौरान भगवान का झूला व नन्हें मुन्ने बच्चे भगवान कृष्ण के बालरूप में सजेंगे। भक्ति कुंज में एक शाम ठाकुर के नाम समागम सायं सात बजे से शुरू होगा। मंदिर शिवाला में जन्माष्टमी पंडित अक्षय कुमार की अगुवाई में मनाई जाएगी। इस मौके पर मनमोहक झाकियां सजाई जाएंगी।श्री कृष्णा मंदिर चौक शेखां में, शिव शक्ति वैष्णो दुर्गा मंदिर में पंडित देवी प्रसन्न, प्राचीन श्री शिव शक्ति वैष्णो मंदिर में महंत सुखदर्शन पुरी, मित्तल रोड स्थित श्री सनातन धर्म शिव मंदिर में श्री सनातन धर्म मंदिर एवं प्रबंधक कमेटी द्वारा, पुरानी दाना मंडी स्थित भारत माता मंदिर में पंडित महिदर नारायण, सिद्ध श्री बाला जी मंदिर में महंत बिशेष गिरि, शिव साईं मंदिर मथुरा नगरी, अनंतेश्वर महादेव शिव मंदिर दशमेश नगर, वेदांत नगर दुर्गा माता मंदिर, श्री कृष्ण गौधाम , गोपाल गौशाला में जन्माष्टमी को भव्य स्वरूप देने की तैयारियां की जा रही हैं।