जाह्नवी , पारुल व अमन अरोड़ा के नाम रही पहली वूमेन मैराथन
घने बादलों के बीच तेज हवा के झोंकों को अपने जोश व जुनून से मात देकर सुबह छह बजे जब सड़कों पर करीब साढ़े चार सौ से ज्यादा महिलाएं वूमेन मैराथन में दौड़ीं तो शहर का मध्य भाग बड़े उत्सव में बदला नजर आया।
सत्येन ओझा.मोगा
घने बादलों के बीच तेज हवा के झोंकों को अपने जोश व जुनून से मात देकर सुबह छह बजे जब सड़कों पर करीब साढ़े चार सौ से ज्यादा महिलाएं वूमेन मैराथन में दौड़ीं तो शहर का मध्य भाग बड़े उत्सव में बदला नजर आया।
महिलाओं में उत्साह इस कदर था कि 432 एंट्री के बाद जब आयोजकों ने रजिस्ट्रेशन बंद कर दी तो कुछ प्रतिभागी बिना रजिस्ट्रेशन के ही दूसरे धावकों के साथ दौड़ती नजर आई। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित वूमेन मैराथन में महिलाओं के उत्साह ने उम्र, पद व प्रतिष्ठा दोनों को पीछे छोड़ दिया। धावकों में दिल्ली की मेट्रो पोलिटिन मजिस्ट्रेट मोक्षा, प्रमुख डायटीशियन शीनम कालड़ा, समाजसेवी मालविका सूद, शहर की प्रमुख महिला चिकित्सक, व्यवसायी सहित हर महिला दूसरे से आगे निकलने की होड़ में नजर आई। 75 साल की नरेश गुलाटी सबसे उम्रदराज धावक थीं। इस मैराथन के तीनों वर्गों में जाह्नवी, पारुल व अमन अरोड़ा विजेता रहीं। ये रहीं विजेता
15-25 साल आयु वर्ग : जाह्नवी गर्ग ने पहला स्थान, गगन ने दूसरा और पूजा ने तीसरा स्थान पाया।
25-35 साल आयु वर्ग : पारुल ने पहला, रजनी ने दूसरा, ईशा व सुप्रिया बंसल संयुक्त रूप से तीसरा स्थान हासिल किया।
35-45 साल के आयु वर्ग: अमन अरोड़ा प्रथम, शीनू द्वितीय, श्रेया व रजनी को संयुक्त रूप से तृतीय रहीं।
45 साल से ज्यादा आयु वर्ग: अमनदीप ने पहला, रिपी को दूसरा, र्स्वण कौर ने तीसरा स्थान पाया। 60 से 75 साल की ये महिलाएं दौड़ीं
मैराथन में पूरे पांच किलोमीटर सरोज ग्रोवर, परमजीत कौर, सुखजीत कौर, र्स्वण कौर, सोनिया अरोड़ा, मीना रानी, संतोष चावला व कैलाश गुप्ता दौड़ी।
डीसी संदीप हंस ने दिखाई हरी झंडी
वूमेन मैराथन का शुभारंभ डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस ने हरी झंडी दिखाकर किया। गुरु नानक कालेज के बाहर फाउंटेन के निकट बने स्टार्टिंग प्वाइंट से धाविकाओं ने मैराथन शुरू की। जिस समय मैराथन शुरू हुई मौसम के तेवर तल्ख थे। सुबह के समय तेज ठंडी हवाएं चल रही थीं। आसमान में घने बादल छाए हुए थे लेकिन मैराथन में शामिल होने वाली महिलाओं के जोश व जुनून के आगे मौसम के तीखे तेवर भी ढीले पड़ गए।
यहां-यहां से गुजरी
गुरु नानक कालेज से शुरू हुई मैराथन मेन बाजार, आर्य स्कूल, रोड न्यू टाउन, स्टेडियम रोड, गीता भवन चौक, जवाहर नगर, प्रताप रोड चेंबर रोड, रेलवे रोड से होते हुए वापस गुरु नानक कालेज के खेल मैदान में पहुंची। जगह-जगह बने धावकों के लिए स्वागत करने वाले गेट व चेकपोस्ट बनाई गई थीं। यहां खड़े एनजीओ वालटियर पूरे शहर में उत्सव के गवाह बने।आम दिनों में शहर की सड़कों पर जिस समय सन्नाटा पसरा होता था, रविवार की सुबह वहां उत्सव जैसा माहौल था।
रास्ते में थी एनर्जी डि्रंक की व्यवस्था
एंबुलेंस साथ में चल रही थीं, रास्ते में महिलाओं को एनर्जी ड्रिक, ग्लूकोज का पानी आदि एनजीओ उपलब्ध करा रहे थे। खास बात ये रही कि पूरे रास्ते में एक भी धावक किसी परेशानी में नहीं दिखी, सबने दौड़ पूरी की।
महिलाओं को गेम्स भी खिलाई
जो महिलाएं दौड़ नहीं सकीं, उन्हें गुरु नानक कालेज के मैदान में बने विशाल मंच का संचालन कर रहीं आरकेएस पब्लिक स्कूल की अध्यापिका मिन्नी बाला व किचलू स्कूल के संदीप ने बड़ी ही रोचक गेम्स खिलाई। इन महिलाओं के लिए मैराथन के हर पल उनकी जिदगी में उत्सव का अहसास करा रहे थे। मिन्नी बाला ने बड़े ही रोचक व प्रभावी अंदाज में मंच पर सबको बांधे रखा।