Move to Jagran APP

विभागों में तालमेल व टैफिक व्यवस्था दोनों फेल

मोगा : शहर की ट्रैफिक व्यवस्था इस समय पूरी तरह से चरमराई हुई है। खानापूर्ति के लिए जिला प्रशासन, नगर निगम व ट्रैफिक पुलिस द्वारा आदेश तो जारी किए जाते हैं, लेकिन उन्हें लागू करवाने के लिए किसी की जिम्मेदारी तय नही होती।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 10:32 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 10:32 PM (IST)
विभागों में तालमेल व टैफिक व्यवस्था दोनों फेल
विभागों में तालमेल व टैफिक व्यवस्था दोनों फेल

संवाद सहयोगी, मोगा : शहर की ट्रैफिक व्यवस्था इस समय पूरी तरह से चरमराई हुई है। खानापूर्ति के लिए जिला प्रशासन, नगर निगम व ट्रैफिक पुलिस द्वारा आदेश तो जारी किए जाते हैं, लेकिन उन्हें लागू करवाने के लिए किसी की जिम्मेदारी तय नही होती। परिणाम स्वरूप शहर वासी व्यवस्था न होने के चलते हर रोज ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझ रहे हैं।

loksabha election banner

हाल ही में मोगा के नवनियुक्त डीसी डीपीएस खरबंदा ने बैठक दौरान नगर निगम को आदेश दिए थे कि शहर के मेन बाजार में दुकानों के आगे यैलो लाइन लगाई जाए, ताकि लाइन से बाहर वाहन खड़े करने पर ट्रैफिक पुलिस उक्त वाहन का चालान कर सके। लेकिन उक्त आदेश जारी होने के छह दिन बाद भी निगम ने शहर के मेन बाजार में यैलो लाइन नहीं लगाई। वहीं डीसी ने आदेश जारी कर रखे हैं कि शहर में देव होटल से लेकर रेलवे रोड तक सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक भारी वाहन नही ले जाए सकते। क्योंकि मेन बाजार में भारी वाहनों के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या पेश आती है, लेकिन उक्त आदेश भी महज कागजों तक ही सीमित हैं। इन्हें लागू करवाते हुए ट्रैफिक पुलिस ने आज तक मेन बाजार में घुसने वाले एक भी हैवी व्हीकल का चालान नही किया है। मेन बाजार में घुसने से कतराते हैं लोग

बता दें कि शेखां वाला चौक से लेकर मेन जो¨गदर ¨सह चौक तक अगर किसी व्यक्ति ने जाना होता है तो वह न्यू टाउन इलाके से होकर जाने को प्रमुखता देता है, क्योंकि खासकर चार पहिया वाहन चालक इस करीब डेढ किलोमीटर की दूरी को आधे घंटे से अधिक समय में तय कर पाते हैं। शहर के देव होटल के पास, प्रताप चौक, थापर चौक, मजिस्टिक चौंक और जो¨गदर ¨सह चौंक में रोजाना की तर्ज पर दिन के समय ट्रैफिक जाम लगता है। इन प्रमुख चौराहों में ट्रैफिक लाइट्स की व्यवस्था न होने तथा ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी न होने के कारण आमजन को लंबे जाम से जूझना पड़ता है। और तो और दोपहर के समय जब बच्चों को स्कूल से छुट्टी होती है तो शहर के देव होटल के पास इस कदर जाम लगता है कि कई बार एंबुलेंस को भी वहां से गुजरने में 10 से 15 मिनट लग जाते हैं। शहर में 30 हजार से अधिक दो पहिया वाहन

अधिकारिक जानकारी के अनुसार मोगा शहर की सड़कों पर 30 हजार से अधिक दो पहिया वाहन दौड़ रहें हैं, वहीं करीब 9 हजार चार पहिया, करीब चार हजार कमर्शियल वाहन और तीन हजार रिक्शा व रेहड़ियां हैं। एक अनुमान के अनुसार हरेक साल जिले में करीब 20 हजार नए दो पहिया वाहन आ रहे हैं और शहर में तीन हजार से अधिक हर साल नए दो पहिया वाहन आ रहें हैं। इन वाहनों के चलने के लिए बनाई गई सड़कों के हालात ही बेहद नाजुक हैं। नए वाहन महज छह माह में ही खस्ताहाल होना शुरू हो जाते हैं। शहर के मेन बाजार में बनाया गया डिवाइडर ही महज नाम का है, क्योंकि नियमों के अनुसार शहर के मेन बाजार में डिवाइडर के दोनों तरफ 22 फुट की सड़क होनी चाहिए और डिवाइडर की चौड़ाई कुल एक फुट होनी चाहिए, लेकिन शहर के मेन बाजार में डिवाइडर के दोनों तरफ महज 12 से 15 फुट ही जगह छोड़ी गई हैं। पांच से सात फुट तक दुकानदारों ने दुकानों के आगे अतिक्रमण कर रखा है या फिर दुकानों के आगे लोग अवैध ढंग से अपने वाहन खड़ा कर देते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.