गणेश उत्सव समागमों में कोरोना का असर, लोग मायूस
कोविड-19 के कारण गणपति महोत्सव की चतुर्थी पर आरंभ होने वाले गणपति समागम में रौनक कम देखने को मिली।
तरलोक नरूला, मोगा : कोविड-19 के कारण गणपति महोत्सव की चतुर्थी पर आरंभ होने वाले गणपति समागम में रौनक कम देखने को मिली। इसको लेकर जहा संस्थाएं मायूस हैं, वही भक्तो के मन भी बेचैनी है। गणेश चतुर्थी पर गणपति को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। 10 दिनों तक गणेश चतुर्थी से अनंत चौदस तक चलने वाले महोत्सव में प्रत्येक व्यक्ति भगवान गणपति की कृपा पाने का इच्छुक रहता है। इसी के तहत गणपति महाराज का गणेश महोत्सव को उत्साहपूर्वक हर वर्ष मनाया जाता है।
गणेश महोत्सव के दौरान चारो तरफ भक्ति का माहौल बना रहा। उड़ते गुलाल, फूलो की वर्षा के बीच भक्त मूर्ति को लाते हैं, लेकिन इस चतुर्थी पर ऐसा देखने को नहीं मिला। कोरोना महामारी के कारण कई संस्थाओं ने इस दिन करवाए जाने वाले कार्यक्रम स्थगित कर दिए। संस्थायों ने विशाल समागम की बजाए घरों में ही लोगों को भगवान गणेश की छोटी मूर्ति लाकर पूजन करने के लिए प्रेरित किया। सात-सात फुट तक की मूर्ति लाने वाली संस्थाओ को गणपति जी ही दो फीट की मूर्ति पर ही सब्र कर पूजा करनी पड़ी।
नहीं होगा सराफा बाजर में कार्यक्रम
--गणेश मराठा मंडल प्रधान गणपत पाटिल, स्वर्णकार संघ के प्रधान बलबीर सिंह रामूवालिया, सचिव यशपाल पाली ने बताया कि कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इस बार सराफा बाजर में होने वाला 10 दिवसीय समागम नहीं होगा। उनका कहना है कि पिछले 25 वर्षो से यह कड़ी निरंतर चल रही थी। इस बार 26 को विशाल गणपति महोत्सव होना था। कोरोना महामारी को देखते आदेशों की पालना करते घर पर ही पूजा का प्रबंध किया है।जिसमे परिवार के सदस्य ही सुबह सायं की आरती करेंगे। इस तहत प्रेम नगर में दीपक ने घर में छोटी मूर्ति रख कर पूजा आरंभ कर दी है। इस दौरान संतोष, दीपक, संपत, सुनील, उत्तम, राजू,शिवा, संजय, गजानंद, राहुल, रमेश आदि ने पूजा की। लाल बाग के राजा सेवा मंडल के प्रधान नरेश कौड़ा का कहना है कि हर वर्ष अकालसर रोड पर 10 दिवसीय समागम होता था। इस बार 11 को महोत्सव था। इस बार कोरोना महामारी के चलते उन्होंने घर पर ही छोटी मूर्ति लाकर पूजा आरंभ कर दी है। सादे ढंग से मनाएंगे उत्सव
---संकल्प सेवा सोसायटी के विनय कुमार ने बताया कि वह हर वर्ष बेअंत नगर में 10 दिवसीय समागम करते थे, लेकिन उनके जीवन में यह पहली बार हुआ है कि कार्यक्रम का आयोजन नहीं होगा। उनका कहना है कि इस कोरोना महामारी से बचाव हेतु खुद का व दूसरों का भी बचाव रखना जरूरी है। इसलिए इसे सादे ढंग से रखा गया है।
नहीं चाहते कोरोना महामारी से किसी का नुकसान हो
---बाबा बालक नाथ मंदिर के सेवादार परवीन कालिया ने बताया कि माहोल को देखते हुए 15 वर्षो से चली आ रही गणपति विसर्जन पूजा को स्थगित किया गया है, ताकि सरकारी आदेशों को बरकरार रखा जा सके। यदि हम पूजन समागम रखते तो किसी भक्त को आने से रोक नहीं सकते थे। समागम तो फिर भी आते रहेगे लेकिन इस समय कोरोना महामारी का खतरा बहुत है। वह नहीं चाहते कि इस दौर में किसी का नुक्सान हो।