ICC Women's T20 World Cup Final: हरमनप्रीत की मां पहली बार स्टेडियम में देखेंगी बेटी का मैच, ऑस्ट्रेलिया पहुंचा परिवार
मोगा के फिरोजपुर रोड पर स्थित गांव दुन्नेके की हरमनप्रीत कौर साधारण परिवार से संबंध रखती हैं। उनकी मां ने अब तक हरमनप्रीत को सिर्फ टेलीविजन पर ही खेलते देखा है।
मोगा [सत्येन ओझा]। भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर के लिए टी-20 विश्वकप का फाइनल कई मायनों में खास होने वाला है। हरमनप्रीत के 15 साल लंबे क्रिकेट करियर में पहली बार उनकी मां सतविंदर कौर उन्हें स्टेडियम से लाइव खेलते देखेंगी। भारतीय कप्तान के लिए यह मैच इसलिए भी खास है, क्योंकि इस दिन उनका जन्मदिन भी है और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस भी। ऐसे में हरमन के पास मां को देने के लिए टी-20 क्रिकेट की विश्व विजेता ट्रॉफी से बड़ा और कोई तोहफा नहीं होगा। पहला मौका है जब हरमनप्रीत का पूरा परिवार ही नहीं, बल्कि उनके क्रिकेट कैरियर के सबसे पहले कोच यादविंदर सिंह सोढ़ी भी उनका उत्साह बढ़ाने के लिए सिडनी के मेलबोर्न स्टेडियम में मौजूद रहेंगे।
मोगा के फिरोजपुर रोड पर स्थित गांव दुन्नेके की हरमनप्रीत कौर साधारण परिवार से संबंध रखती हैं। उनकी मां ने अब तक हरमनप्रीत को सिर्फ टेलीविजन पर ही खेलते देखा है। मां के लिए यह एक भावुक पल होगा, जब पहली बार टी-20 विश्वकप के फाइनल में पहुंची भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान के रूप में अपने बेटी को उसके जन्मदिन पर खेलते देखेंगी।
हरमनप्रीत के जीवन में ऐसे आया टर्निंग प्वाइंट
स्कूल के दिनों में हरमनप्रीत गुरुनानक कॉलेज के मैदान में लड़कों के साथ क्रिकेट खेला करती थीं। तब उनका घर गुरुनानक कालेज ग्राउंड के निकट ही था। सुबह के समय सैर के दौरान ज्ञान ज्योति क्रिकेट एकेडमी के संचालक कमलधीश सोढ़ी ने एक दिन हरमनप्रीत को लड़कों की गेंद पर मैदान में चौके-छक्के जड़ते देखा। उसी दिन वह हरमनप्रीत के पिता हरमिंदर सिंह भुल्लर से मिले और उनकी बेटी को शिक्षा व खेल के लिए गोद मांगा। यही पल हरमनप्रीत के लिए उनके जीवन का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। एकेडमी में प्रवेश लेने पर कमलधीश सोढ़ी के बेटे एकेडमी के कोच यादविंदर सिंह सोढ़ी ने हरमनप्रीत को क्रिकेट की कोचिंग दी। उसके बाद हरमनप्रीत नेे कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपने खेल कौशल के बल पर साल 2017 में अर्जुन पुरस्कार हासिल करने वाली हरमनप्रीत टी-20 क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक बनाने वाली पहली भारतीय महिला हैं।
मोगा के दुन्नेके गांव में मौजूद भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर का घर।
इस बार कुछ कर दिखाने के मूड में हरमनप्रीतः कमलधीश सोढ़ी
पुराने दिनों की यादें ताजा करते हुए कमलधीश सोढ़ी बताते हैं कि हरमनप्रीत मैदान में जीत के लिए जाती हैं, हार जैसा नकारात्मक सोच उसके मन को छू भी नहीं पाता है। उनका यही जज्जा उसे विजेताओं की श्रेणी में रखता है। कमलधीश सोढ़ी का कहना है कि हरमनप्रीत इस बार कुछ कर दिखाने के मूड में है, यही वजह है कि सेमीफाइनल में टीम के प्रवेश करते ही उसने अपने माता-पिता के साथ कोच यादविंदर सोढ़ी को खुद आमंत्रित कर सिडनी बुला लिया। स्टेडियम मेंं परिवार व कोच की मौजूदगी हरमन के लिए बहुत मायने रखती है, वह इन सबको अपने विजेता होने का गवाह बनाना चाहती है। पूरा देश भी यही दुआ कर रहा है।
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