हेल्थ डायरेक्टर के पास लिंग परीक्षण का मामला
शहर में मित्तल लैब के पिछले हिस्से में बने बीएम स्केनिग सेंटर में पकड़ा गया लिग परीक्षण का मामला पीएनडीटी एडवाइजरी कमेटी ने डायरेक्टर हेल्थ विभाग को सभी तथ्यों के साथ भेज दिया गया है साथ ही अगली कार्रवाई की अनुमति मांगी है। स्वास्थ्य विभाग को पुलिस की कार्रवाई पर भरोसा नहीं है यही वजह है कि पीएनडीटी एडवाइजरी कमेटी पुलिस का चालान पेश होने का इंतजार नहीं करेगी।
जागरण संवाददाता, मोगा : शहर में मित्तल लैब के पिछले हिस्से में बने बीएम स्केनिग सेंटर में पकड़ा गया लिग परीक्षण का मामला पीएनडीटी एडवाइजरी कमेटी ने डायरेक्टर हेल्थ विभाग को सभी तथ्यों के साथ भेज दिया गया है, साथ ही अगली कार्रवाई की अनुमति मांगी है। स्वास्थ्य विभाग को पुलिस की कार्रवाई पर भरोसा नहीं है, यही वजह है कि पीएनडीटी एडवाइजरी कमेटी पुलिस का चालान पेश होने का इंतजार नहीं करेगी। डायरेक्टर हेल्थ विभाग से हरी झंडी मिलते ही सीधे अदालत में केस दायर करेगी।
खालसा स्कूल के सामने बीएम स्केनिग सेंटर पर हरियाणा से पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा लिग परीक्षण का रंगे हाथों पकड़े गए मामले में नया सच सामने आया है। रेड में लिग परीक्षण के लिए महिला को लेकर पहुंचा झोलाछाप डॉक्टर व ट्रेंड दाई को रंगे हाथों नकदी के साथ पकड़े जाने के बाद जब सिरसा के सहायक सिविल सर्जन डॉ.बुद्ध राम सिविल सर्जन को सिरसा को मिशन सफल होने की सूचना दे रहे थे। उस समय कथित समझौते के बाद मोगा पुलिस मिशन को बीच में ही छोड़कर चली गई थी। मामला जब डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस के पास पहुंचा तब डीसी ने एसएसपी अमरजीत सिंह बाजवा को निर्देश दिए थे पुलिस की ये गंभीर लापरवाही में मिशन पूरा होने तक वहां पुलिस को मौके पर भेजा जाए। इसके बाद डीएसपी (सिटी) परमजीत सिंह दोबारा पुलिस बल के मौके पर पहुंचे थे, तब जाकर सीसीटीवी की डीवीआर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कब्जे में लेकर पुलिस के हवाले की थी। साथ ही मौके पर लिग परीक्षण के लिए ली गई नकदी सहित पकड़े गए झोलाछाप जसबीर सिंह जस्सा व ट्रेंड दाई वीरपाल कौर को पुलिस को सौंपा था। जबकि स्केनिंग सेंटर संचालक डॉ.वरुण मित्तल व डॉक्टर की सहयोगी रविदर कौर मौके से फरार हो गए थे। पुलिस ने अगर मिशन में ईमानदारी से अपनी भूमिका निभाई होती तो डॉक्टर व उसकी सहयोगी को रंगे हाथों पकड़ा जा सकता था।
स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में सक्रियता दिखाई। इस मामले में पीएनडीटी एडवाइजरी कमेटी की बैठक के बाद पूरी रिपोर्ट डायरेक्टर स्वास्थ्य विभाग को भेजकर इस मामले में अगली कार्रवाई की अनुमति मांगी है। पीएनडीटी एडवाइजरी कमेटी के चेयरमैन डीसी संदीप हंस पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं, इस मामले में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दो दिन के रिमांड के बाद पुलिस के हाथ खाली
पुलिस ने मौके से गिरफ्तार जसबीर सिंह जस्सा व दाई वीरपाल कौर को दो दिन के रिमांड पर लिया था, लेकिन दो दिन में पुलिस दोनों से कुछ भी नहीं उगलवा पाई है जबकि जसबीर सिंह जस्सा ने मीडिया के सामने कहा था कि वह दूसरी बार लिग परीक्षण के लिए यहां आया था। पहले उसने किसका लिग परीक्षण कराया था, पुलिस ने जसबीर सिंह से ये भी पता करने की कोशिश नहीं की। यही नहीं स्केनिग सेंटर के सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर का पासवर्ड ब्रेक कराकर अभी तक मामले की जांच ही शुरू नहीं की है। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग पुलिस के आरोप पत्र का इंतजार करने के बजाय पहले ही कोर्ट में केस दायर करेगी।
ऐसे कर रही है पुलिस लीपापोती
इस मामले में जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर प्रीतम सिंह का कहना है कि एफआइआर में उनके तो सिर्फ हस्ताक्षर हुए हैं, मामले की जांच एसएचओ लक्ष्मण सिंह कर रहे हैं। एसएचओ लक्ष्मण सिंह को कई बार फोन किया लेकिन उन्होंने फोन पिक नहीं किया। डीएसपी सिटी परमजीत सिंह ने बताया कि वे अभी इस मामले को देख नहीं पाए हैं, एसएचओ लक्ष्मन सिंह ही कुछ बता पाएंगे।