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लिग परीक्षण मामला: डॉक्टर सहित चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज, इंजीनियर खोलेगा मशीन में छिपे राज

शहर में मित्तल लैब के पिछले हिस्से में बनी बीएम स्केनिग सेंटर में लिक परीक्षण के मामले में थाना सिटी पुलिस ने स्केन सेंटर के संचालक डॉ.वरुण मित्तल डॉक्टर की सहयोगी रविदर कौर झोलाछाप जसबीर सिंह जस्सा एवं ट्रेंड दाई वीरपाल कौर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इसकी पुष्टि एसएचओ लक्ष्मन सिंह ने की है। इस मामले में डीसी सं

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 07:57 PM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2019 06:06 AM (IST)
लिग परीक्षण मामला: डॉक्टर सहित चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज, इंजीनियर खोलेगा मशीन में छिपे राज
लिग परीक्षण मामला: डॉक्टर सहित चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज, इंजीनियर खोलेगा मशीन में छिपे राज

जागरण संवाददाता, मोगा : शहर में मित्तल लैब के पिछले हिस्से में बनी बीएम स्कैनिंग सेंटर में लिग निर्धारण टेस्ट के मामले में थाना सिटी पुलिस ने स्कैन सेंटर के संचालक डॉ. वरुण मित्तल, डॉक्टर की सहयोगी रविदर कौर, झोलाछाप जसबीर सिंह जस्सा और दाई वीरपाल कौर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इसकी पुष्टि एसएचओ लक्ष्मण सिंह ने की है। डीसी संदीप हंस ने संज्ञान लेकर सिविल सर्जन डॉ. हरविदर पाल सिंह से रिपोर्ट मांगी है। पीएनडीटी के तहत कार्रवाई की जिम्मेदारी अब मोगा स्वास्थ्य विभाग की है।

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सिरसा के सहायक सिविल सर्जन डॉ. बुद्धराम ने अपनी टीम के साथ मोगा में मंगलवार शाम को बीएम स्कैनिग सेंटर पर छापा मारकर लिग परीक्षण का मामला पकड़ा था। मौके से महिला को स्कैनिग कराने के लिए लेकर आए एक झोलाछाप व दाई को मौके से गिरफ्तार कर लिया था, जबकि सहायक सिविल सर्जन डॉ. बुद्धराम ने मोगा पुलिस को लिखे पत्र में डॉ.वरुण मित्तल और उनकी सहायक वरिदर कौर की भूमिका की जांच के लिए कहा था। नहीं दी गई सीसीटीवी फुटेज

काफी प्रयास के बाद भी स्कैन सेंटर के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मौजूद स्टाफ ने उपलब्ध नहीं कराई थी, जिसके चलते देर रात को सिरसा से पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर सील कर मोगा पुलिस के सुपुर्द कर दी थी, ताकि उसकी जांच की जा सके। सिरसा की 11 सदस्यीय टीम ने मोगा स्वास्थ्य विभाग की टीम के सहयोग से रेड की थी। मामला रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद अब इस मामले में कार्रवाई डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस की अध्यक्षता वाली पीएनडीटी कमेटी को करनी है। इंजीनियर मशीन से निकालेगा डाटा

डॉ.बुद्धराम ने बताया कि स्कैन सेंटर पर पहले जिस महिला को टेस्ट के लिए लेकर गए थे उसका कोई रिकॉर्ड सेंटर पर नहीं बनाया गया था न ही पर्ची दी गई थी। अब सबसे बड़ा सबूत मेन्युफैक्चरिग कंपनी के इंजीनियर की मदद से ही बाहर आ सकता है, मशीन में पूरा डाटा फीड रहता है कि दिन में कितने लोगों के अल्टासाउंड स्कैन किए गए। उसमें पूरा रिकार्ड सामने आ जाएगा, यही पीएनडीटी एक्ट में कार्रवाई का सबसे बड़ा सुबूत होगा। रिपोर्ट के आधार पर मामले की जांच शुरू

थाना साउथ सिटी के एचएचतओ लक्ष्मण सिंह का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग से मिली रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में स्कैन सेंटर संचालक व उसकी सहायक सहित चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। छापामार कार्रवाई में मोगा की टीम ने जिला परिवार भलाई अफसर डॉ.रूपिदर कौर, डॉ.गगनदीप सिंह, टेक्नीशियन ओम अरोड़ा भी शामिल थे।


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