58.55 लाख फंड घोटाले में भगोड़ा बीडीपीओ गिरफ्तार
थाना मेहना पुलिस ने सवा दो साल पुराने पंचायती 58.55 लाख फंड घोटाले में भगौड़े बीडीपीओ को गिरफ्तार कर लिया है।
संवाद सूत्र, मोगा : थाना मेहना पुलिस ने सवा दो साल पुराने पंचायती 58.55 लाख फंड घोटाले में भगौड़े बीडीपीओ को गिरफ्तार कर लिया है। स्थानीय अदालत ने पुलिस की अर्जी पर आरोपित बीडीपीओ से पूछताछ के लिए एक दिन का पुलिस रिमांड मंजूर किया है।
थाना मेहना प्रमुख इंस्पेक्टर दिलबाग सिंह ने तत्कालीन बीडीपीओ मोगा -1 जसप्रीत सिंह की गिरफ्तारी की पुष्टि करते कहा कि पूछताछ के लिए एक दिन का पुलिस रिमांड लिया गया है।
जानकारी के अनुसार जालंधर से मोगा वाया बरनाला राष्ट्रीय शाह मार्ग -71 को चौड़ा करके फोरलेन प्रोजेक्ट के तहत गांव धूड़कोट कलां की अधिग्रहण पंचायती जमीन की मिली राशि में से 58.55 लाख का घोटाला सामने आने पर राज्य सरकार ने ढाई वर्ष पहले मोगा -1 बीडीपीओ जसप्रीत सिंह, सेक्रेटरी करम सिंह और गांव की महिला सरपंच सरबजीत कौर को निलंबित कर दिया था और इनके खिलाफ थाना अजीतवाल में मई 2017 में एफआइआर दर्ज की गई थी। इस केस में अदालत ने 25 मई 2018 को आरोपित बीडीपीओ को भगोड़ा करार दे दिया गया था। अदालत की ओर से बीडीपीओ को भगौड़ा करार देने के बावजूद राज्य सरकार ने जुलाई 2018 में उसे बहाल करके उसकी तैनाती पंचायत मंत्री तृप्त राजिदर सिंह बाजवा के हलके फतेहगढ़ चूड़ियां में कर दी थी। यहां तकरीबन एक साल की तैनाती बाद अब मौजूदा समय में फिरोजपुर जिले के ब्लॉक घल्ल खुर्द में तैनात था। पुलिस के मुताबिक आरोपी सेकेंटरी और महिला सरपंच की पहले गिरफ्तारी हो चुकी है।
इस घोटाले की उस समय के गांव के चार पंचों तरसेम सिंह, जगतार सिंह, भजन सिंह, राजविदर सिंह ने डिप्टी कमिश्नर को शिकायत की थी। डीसी के आदेश पर तत्कालीन जिला विकास एवं पंचायत अफसर (डीडीपीओ)रविदर पाल सिंह संधू ने प्राथमिक जांच में बीडीपीओ मोगा-1 जसप्रीत सिंह, पंचायत सचिव करम सिंह और महिला सरपंच सरबजीत कौर को जिम्मेदार ठहराते हुए रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी थी।