फ्राइ डे ड्राइ डे मुहिम में मिला 22 जगह लारवा
मोगा बारिश के चल रहे मौसम के दौरान डेंगू मलेरिया व चिकनगुनिया फैलने के खतरे को देखते हुए सिविल सर्जन मोगा डॉ. अमरप्रीत कौर बाजवा के आदेश पर जिला ऐपिडिमोलॉजिस्ट डॉ. मुनीश अरोड़ा की अगुआई में फ्राइ -डे ड्राइ-डे मुहिम के तहत सेहत विभाग की टीम ने 380 घरों में जांच की।
संवाद सहयोगी, मोगा
बारिश के चल रहे मौसम के दौरान डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया फैलने के खतरे को देखते हुए सिविल सर्जन मोगा डॉ. अमरप्रीत कौर बाजवा के आदेश पर जिला ऐपिडिमोलॉजिस्ट डॉ. मुनीश अरोड़ा की अगुआई में फ्राइ -डे ड्राइ-डे मुहिम के तहत सेहत विभाग की टीम ने 380 घरों में जांच की। इस मौके पर आठ सदस्यीय टीम को 22 जगहों से डेंगू व चिकनगुनिया का लारवा मिला, जिसे मौके पर नष्ट करवाया गया। इस बारे में संबंधित मकानों व दुकानों के मालिकों को तीन दिनों में सफाई करवाने के निर्देश देकर प्रभावित इलाके में स्प्रे करवाई गई।
इस बारे में हेल्थ सुपरवाइजर महिद्रपाल लूंबा ने बताया कि उनकी टीम की ओर से नानक नगरी व बेदी नगर में डेंगू का लारवा ढूंढने की मुहिम चलाई गई। इस दौरान कुल 380 में जांच की गई। इस दौरान टीम को 14 घरों व आठ दुकानों में डेंगू व चिकनगुनिया का लारवा मिला, जिसे मौके नष्ट करवाया गया। उन्होंने बताया कि अब तक जिले में कुल 21 डेंगू के केस आए हैं, जिनमें से 11 अलग-अलग गांवों से और 10 मोगा शहर के साथ संबंधित हैं। पिछले दिनों में बुखार के मामलों में एकदम इजाफा होने के कारण सेहत विभाग की तरफ से इस संबंधित सख्ती की जा रही है।
उन्होंने लोगों को कहा कि बारिश के दिनों में खास सावधानी रखते हुए घरों की छतों पर पड़े कबाड़ के सामान को वहां से हटाएं या तिरपाल से ढकें। घर में कूलर, फ्रिज की ट्रे, पानी वाले ड्रम, टायरों आदि को हर शुक्रवार को खाली करके कपड़ा मारकर सुखाया जाए। इसके अलावा घरों के पास खाली प्लॉटों में पड़े डिस्पोजेबल गिलास व प्लेटें भी खतरा बन सकते हैं। इसलिए उनको गडढा खोद कर दबा दिया जाए। तथा रूके हुए पानी में हर हफ्ते काला तेल या डीजल आदि का छिड़काव किया जाए। उन्होंने कहा कि डेंगू का मच्छर साफ पानी में पैदा होता है। लोगों के सहयोग के बिना डेंगू के लारवा पर काबू पाना मुश्किल है। उन्होंने लोगों को डेंगू से बचने की अपील करते हुए बताया कि हर शुक्रवार को सेहत विभाग की टीम द्वारा पूरे शहर के अलग-अलग इलाकों में जांच करके डेंगू का लारवा मिलने पर चालान काटे जाते हैं। इस टीम में इंसेक्ट कुलैकटर वपिंदर सिंह व ब्रीड चैकर उपस्थित थे।