मुफ्त सेल्फ डिफेंस सेंटर की शुरुआत
पहले निर्भया अब हैदराबाद की वेटरनरी डॉक्टर के साथ दरिदगी के खिलाफ एक बार फिर देशभर में आक्रोश है कैंडल मार्च शुरू हो गए हैं। लेकिन मोगा के युवा चिकित्सक डॉ. सीमांत गर्ग ने महिलाओं के साथ होने वाली दरिदगी की घटनाओं के खिलाफ कैंडल मार्च की बजाय लड़कियों के अंदर आत्मविश्वास की कैंडल जलाने का फैसला लिया है।
सत्येन ओझा, मोगा : पहले निर्भया अब हैदराबाद की वेटरनरी डॉक्टर के साथ दरिदगी के खिलाफ एक बार फिर देशभर में आक्रोश है, कैंडल मार्च शुरू हो गए हैं। लेकिन मोगा के युवा चिकित्सक डॉ. सीमांत गर्ग ने महिलाओं के साथ होने वाली दरिदगी की घटनाओं के खिलाफ कैंडल मार्च की बजाय लड़कियों के अंदर आत्मविश्वास की कैंडल जलाने का फैसला लिया है।
डॉ.सीमांत गर्ग ने शहर में रेलवे रोड पर लड़कियों को आत्मरक्षार्थ मजबूत बनाने के लिए अपने अस्पताल के निकट तेंग सूडो ट्रेनिग सेंटर चलाने के लिए कोच को जगह उपलब्ध कराकर रविवार को उसका उद्घाटन भी कर दिया। ट्रेनर केहर सिंह को इस शर्त के साथ सेंटर के लिए निशुल्क जगह उपलब्ध कराई है कि वे यहां आने वाली हर लड़की को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिग देकर उन्हें इतना मजबूत बनाएं कि वे सुनसान रास्तों में ही नहीं, भीड़ भरे इलाकों में भी अपनी खुद रक्षा कर पाएं। आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों की फीस डॉ. सीमांत खुद भरेंगे। पहले भी वे कई लड़कियों की फीस निजी स्तर पर दे रहे हैं।
डॉ. सीमांत ने सेंटर का उद्घाटन करने के बाद बताया कि जब निर्भया कांड सामने आया तो उस घटना ने उन्हें झकझोर दिया था। हाल ही में हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर के साथ दरिदगी के बाद उसे जला देने की घटना ने उन्हें दर्द नहीं बल्कि दर्द देने वालों के खिलाफ कुछ कर दिखाने के मजबूत इरादे दिए। बहुत सोचने के बाद तेंग सूडो सेंटर खोलने का फैसला लिया। इसके पीछे यही सोच है कि जब लड़कियां सेल्फ डिफेंस में सक्षम हो जाएंगी और दुश्मनों पर हर परिस्थिति में वार करने में सक्षम हो जाएंगी, तभी हैवानियत की ताकतें कमजोर होंगी।
तेंग सूडो से बढ़ा आत्मविश्वास
तेंग सूडो की पांच साल से ट्रेनिग ले रही 12वीं की छात्रा सुमनप्रीत कौर का कहना है कि तेंग सूडो ने उन्हें इतना आत्मविश्वास दिया है कि वे खुद डिफेंस करने में तो सक्षम हैं ही, वहीं अगर रास्ते में भी किसी लड़की के साथ किसी ने दरिदगी करने की कोशिश की तो उसका जबाव देने में भी सक्षम हैं।
हर लड़की सीखे आत्मरक्षा की कला
11वीं की मेडिकल की छात्रा राजनप्रीत कौर का कहना है तेंग सूडो से वे खुद को डिफेंस कर पाएंगी। साथ ही ट्रेनिग लेने के बाद वे दूसरी लड़कियों को भी ये कला सिखाएंगी, ताकि हर लड़की अपनी रक्षा खुद कर सके। कोई निर्भया व वेटरनरी डॉक्टर की तरह दरिदगी का शिकार न हो सके। ट्रेनिंग के बाद अन्य को भी सिखाऊंगी : मुस्कान
कॉमर्स की छात्रा मुस्कान भी तेंगू सूडो जहां खुद को सेल्फ डिफेंस के लिए सीख रही हैं, वहीं इस स्पोर्ट्स आर्ट में वे एक खिलाड़ी के रूप में भी नाम कमाना चाहती हैं, साथ ही खिलाड़ी के रूप में दूसरी लड़कियों को भी ये ट्रेनिग देंगी, ताकि वे भी खुद अपनी रक्षा कर सकें। कोरियन कराटे कला है तंग सूडो
कोच केहर सिंह के अनुसार तेंग सूडो ताइक्वांडो की तरह कोरियन कराटे कला है, जिसमें खुद को डिफेंस करते हुए प्रतिद्वंदी पर इस तरह वार किया जाता है कि उसे चोट न पहुंचे। यही वजह कि इस कला को खेल के रूप में स्कूल गेम्स फैडरेशन ऑफ इंडिया ने मान्यता दी है। इस कला से जहां छात्राएं अपनी आत्मरक्षा कर सकती हैं वहीं इसमें कोच या खिलाड़ी बनकर अपना कैरियर भी बना सकती हैं।