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फूड सेफ्टी अफसर ने अपने ही विभाग के खिलाफ डाली आरटीआइ

। स्थानीय सिविल अस्पताल स्थित फूड सेफ्टी विभाग में तैनात फूड सेफ्टी अफसर को खुद के खिलाफ की गई शिकायतों की प्रतियां लेने के लिए आरटीआइ का सहारा लेना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 10:14 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 10:14 PM (IST)
फूड सेफ्टी अफसर ने अपने ही विभाग  
के खिलाफ डाली आरटीआइ
फूड सेफ्टी अफसर ने अपने ही विभाग के खिलाफ डाली आरटीआइ

संवाद सहयोगी,मोगा

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स्थानीय सिविल अस्पताल स्थित फूड सेफ्टी विभाग में तैनात फूड सेफ्टी अफसर को खुद के खिलाफ की गई शिकायतों की प्रतियां लेने के लिए आरटीआइ का सहारा लेना पड़ा। लेकिन जानकारी न मिलने पर उन्होंने स्वास्थ व परिवार भलाई विभाग के सचिव को पत्र लिखकर सिविल सर्जन कार्यलय से संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। वही इंसाफ न मिलने के कारण रोजाना एक घंटा संकेतिक तौर पर सीएमओ कार्यालय के बाहर धरना देने की चेतावनी दी है।

फूड सेफ्टी अफसर जतिदर विर्क ने बताया कि वह पिछले दो-तीन साल से मोगा में बतौर फूड सेफ्टी अफसर काम कर रहे हैं। उन पर पिछले दिनों कई आरोप लगाए गए थे। स्थानीय अस्पताल में तैनात अधिकारियों ने उनके खिलाफ कई शिकायतें विभाग के उच्चाधिकारियों को भेजीं। उन्हें सस्पेंड भी कर दिया गया। वह मानसिक परेशानी से गुजर चुके हैं। उन्होंने 17 दिसंबर को खुद के खिलाफ गुप्त तौर पर की गई शिकायतों की जानकारी मांगी थी, लेकिन विभाग ने एक महीना गुजर जाने के बाद भी इस पर अमल नहीं किया। 11 जनवरी 2022 को मजबूरन खुद के काम के लिए ही आरटीआइ का सहारा लेना पड़ा। फूड सेफ्टी अफसर जतिदर विर्क ने बताया कि उनके खिलाफ वर्ष 2020 तथा 2021 के दौरान विभाग के अधिकारियों ने शिकायतें की थीं। इस इसकी प्रतियां मांग रहे हैं, जो नहीं दी जा रहीं। विर्क ने अपने ही विभाग पर आरोप लगाते हुए बताया कि इस पूरे मामले के पीछे कोई बड़ी साजिश है, जिसका स्थानीय स्वास्थ विभाग पर्दाफाश नहीं होने देना चाहता है। उन्होंने 12 जनवरी 2022

को सेहत व परिवार भलाई सचिव चंडीगढ़ को शिकायत भेजी है और उन्हें जानकारी न देने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की

मांग की है। उन्होंने कहा कि सोमवार से एक घंटे रोजाना संकेतिक धरना सीएमओ कार्यलय के आगे देंगे।

बता दें कि दो नवंबर को दीवाली से दो दिन पहले फूड सेफ्टी अफसर विर्क डीसी हरीश नैय्यर के निर्देश पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार करण गुप्ता के साथ मिठाई की दुकानों की चेकिग करने गए थे। लेकिन कुछ घंटे बाद ही रात में ही उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। कुछ दिन बाद विभाग ने उन्हें बहाल करते हुए आठ नवंबर को होशियारपुर में उनका तबादला कर दिया था।

उधर, सीएमओ हितिदर कौर ने कहा कि आरटीआइ का जवाब देने के लिए तीस दिन का समय होता है। कुछ दिनों में आरटीआइ के तहत मांगी गई जानकारी दे दी जाएगी।


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