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रेलवे स्टेशन से उठे किसान, आज से दौड़ेंगी ट्रेनें

। मोगा रेलवे स्टेशन पर पिछले दस दिन से चल रहा किसानों का धरना मंगलवार को खत्म कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Dec 2021 10:30 PM (IST)Updated: Tue, 28 Dec 2021 10:30 PM (IST)
रेलवे स्टेशन से उठे किसान, आज से दौड़ेंगी ट्रेनें
रेलवे स्टेशन से उठे किसान, आज से दौड़ेंगी ट्रेनें

जागरण संवाददाता.मोगा

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मोगा रेलवे स्टेशन पर पिछले दस दिन से चल रहा किसानों का धरना मंगलवार को खत्म कर दिया गया है। संभावना है कि रेल ट्रैक के निरीक्षण के बाद बुधवार से फिरोजपुर से लुधियाना के बीच मोगा रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली 13 यात्री ट्रेनें ट्रैक पर दौड़ना शुरू हो जाएंगी। रेलवे स्टेशन पर माल लोड होने के बाद दस दिनों से खड़ी मालगाड़ी के भी बुधवार सुबह रवाना होने की संभावना है।

गौरतलब है कि किसान मजदूर संघर्ष समिति ने 10 दिन पहले मोगा रेलवे ट्रैक पर धरना शुरू किया था। रेलवे प्लेटफार्म पर ही प्रदर्शनकारियों ने लंगरशाला बना ली थी। स्टेशन सुपरिटेंडेंट के आफिस के बाहर टी स्टाल बन गया था। धरने के दिनों में रेलवे कर्मचारियों की भी मौज लग गई थी। कुछ कर्मचारियों को छोड़ ज्यादातर दफ्तरों में नहीं पहुंच रहे थे। सिर्फ रिजर्वेशन विडो व टिकट विडो हड़ताल के दिनों में भी लगातार खुली रही थी।

गौरतलब है कि प्रदर्शनकारियों ने धरना मंगलवार दोपहर बाद ही खत्म कर दिया था, लेकिन देर शाम तक कोई पैसेंजर ट्रेन नहीं चल सकी थी। रेलवे सूत्रों का कहना है कि दस दिन लंबी चली हड़ताल के चलते रेलवे पाथवे सेक्शन अधिकारी व आरपीएफ के जवान पहले रेलवे ट्रैक चेक करेंगे, उसके बाद ही ट्रैक पर रेलगाड़ियों का आवागमन शुरू हो जाएगा।

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सतनाम सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से चंडीगढ़ में बातचीत के बाद प्रदेश नेतृत्व ने धरना समाप्त करने का फैसला लिया है, उसी फैसले के बाद उन्होंने ट्रैक से धरना उठा लिया है। 31 दिसंबर को इस पूरे मामले में दोबारा समीक्षा बैठक होगी। यदि चन्नी सरकार ने अपने वादों पर अमल नहीं किया तो दोबारा आंदोलन करने पर विचार हो सकता है।

प्रदेश अध्यक्ष सतनाम सिंह ने बताया कि सीएम ने भरोसा दिया है कि दिल्ली आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को एक हफ्ते में पांच लाख रुपये दिए जाएंगे, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। ओलावृष्टि से नष्ट हुई बासमती के लिए 1121 लोगों को एक सप्ताह के भीतर 17000 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा। गन्ने के कम मिले दाम की 35 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से राशि किसानों के खातों में आनलाइन जमा कराई जाएगी। शेष चार साल के मुआवजे का भुगतान केन्द्रीय गृहमंत्री से बात करने के बाद एक सप्ताह में किया जाएगा।


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