संगरूर व मोगा में भाजपा नेताओं को घेरने पहुंचेे किसान, अश्वनी शर्मा बोलेे- यह कांग्रेस का षडयंत्र
पंजाब के मोगा व संगरूर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। वहीं शर्मा का कहना है कि इसके पीछे कांग्रेस का षडयंत्र है। भाजपा अब इस षडयंत्र को बर्दाश्त नहीं करेगी।
जेएनएन, मोगा/संगरूर। पंजाब के मोगा व संगरूर में भाजपा नेताओं को एक बार फिर कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। संगरूर में कार्यकर्ताओं की बैठक लेने पहुंचे भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा का किसानों ने विरोध किया। अश्वनी शर्मा के पहुंचने से पहले ही पुलिस ने जिला प्रधान के आवास की तरफ जाते मुख्य रास्ते को बैरिकेट लगाकर बंद कर दिया और बड़़ी
संख्या में पुलिस बल को जीजीएस स्कूल के समीप तैनात कर दिया गया था, लेकिन ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर पहुंचे किसानों ने बैरिकेट इत्यादि उखाड़ फेके व केंद्र सरकार सहित भाजपा के खिलाफ रोष प्रदर्शऩ किया। पुलिस व किसानों के बीच हल्की धक्कामुक्की भी हुई, लेकिन पुलिस ने किसी भी प्रकार का बल प्रयोग नहीं किया।
इससे पहले, मोगा में भी पंजाब भाजपा अध्यक्ष को विरोध का सामना करना पड़ा। अश्वनी शर्मा मोगा मेंं पार्टी के जिला अध्यक्ष विनय शर्मा के घर आए हुए थे। इसकी भनक जैसे ही किसानों को लगी वे वहां पहुंच गए और विनय शर्मा की कोठी घेर ली। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
मोगा में भाजपा जिला अध्यक्ष की कोठी के बाहर बैठे किसान। जागरण
वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा कि किसान आंदोलन के पीछे कांग्रेस जो षड़यंत्र का खेल कर रही है, भाजपा अब उसे और बर्दाश्त नहीं करेगी। वह पंजाब में भविष्य की भाजपा का संकेत भी दे गए। एक सवाल के जबाव में अश्वनी शर्मा ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान पारिवारिक परिस्थितियों के चलते 92 भाजपा नेता पार्टी से अलग हो गए हैं, किसी दूसरे दल में शामिल नहीं हुए हैं, लेकिन पंजाब में 3200 सेवानिवृत्त आइएएस, आइपीएस, सेवानिवृत्त जज भाजपा से जुड़े भी हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा सुबह लगभग पौने 11 बजे उस समय भाजपा जिला अध्यक्ष विनय शर्मा के घर पहुंचे, जब किसान वहां धरना शुरू कर रहे थे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा के तेवर को देखते हुए विनय शर्मा के घर को जाने वाले उस रास्ते को पुलिस ने खोल दिया जो 90 दिन से हर दिन सुबह पुलिस खुद 11 बजे बाद आम लोगों के लिए ही नहीं मीडिया के लिए भी बंद कर देती थी। धरना दे रहे किसानों को लोहे की बाड़ लगाकर उन्हें एक दायरे में सीमित कर दिया, अंदर से ही वे भाजपा नेताओं को काले झंडे दिखाकर नारेबाजी करते थे।
भाजपा नेता अश्वनी शर्मा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्वेत मलिक, पूर्व मंत्री तीक्ष्ण सूद किसानों के धरने के दौरान जिस रास्ते से विनय शर्मा के घर पहुंचे उसी से एक घंटे बाद बाहर निकले। इस दौरान पुलिस के हाथ-पांव इस कदर फूले हुए थे कि खुद एसएसपी हरमनवीर सिंह गिल विनय शर्मा के निवास पर पहुंचे थे।
भाजपा नेताओं के विनय शर्मा के घर से बाहर जाते समय एक वरिष्ठ नेता के साथ धक्कामुक्की होने पर कुछ देर के लिए हंगामे का माहौल बन गया, लेकिन बाद में अश्वनी शर्मा अपनी गाड़ी से उतरे और भाजपा नेता को अपने साथ पैदल ही देव होटल तक ले गए। लगभग आधा किलोमीटर पैदल ही भाजपा नेता नारेबाजी करते हुए बैठक स्थल के लिए रवाना हुए।
इस दौरान पर पूरे क्षेत्र को पुलिस छावनी में बदल दिया। बाद में होटल धींगड़ा में मीडिया से वार्ता करते हुए अश्वनी शर्मा ने कहा कि भाजपा किसानों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है, लेकिन जो लोग हिंसक माहौल पैदा कर रहे हैं वे किसान नहीं हो सकते। लुधियाना में भी भाजपा की रैली का घेराव करने कांग्रेस के एजेंट पहुंचे थे, जिन्हें पुलिस ने पकड़ा, जिससे साफ है कि किसानों की आड़ लेकर पंजाब के माहौल को कांग्रेस एक बार फिर हिंदू-सिखों के बीच रोटी-बेटी के संबंधों को तोड़ना चाहती है। भाजपा ऐसा नहीं होने देगी। इस मौके पर भाजपा नेता मोहनलाल सेठी, जिला अध्यक्ष विनय शर्मा, जिला उपाध्यक्ष सुनील गर्ग एडवोकेट, डॉ. सीमांत गर्ग, जिला भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष लीना गोयल आदि मौजूद थीं।