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बिजली बंद रहने से लिफ्ट बंद, सीढि़यां चढ़ने में दिव्यांग हुए परेशान

जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स व इसके दूसरे हिस्से में बने एसएसपी ऑफिस के हालात में कोई सुधार नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 10:42 PM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 06:09 AM (IST)
बिजली बंद रहने से लिफ्ट बंद, सीढि़यां चढ़ने में दिव्यांग हुए परेशान
बिजली बंद रहने से लिफ्ट बंद, सीढि़यां चढ़ने में दिव्यांग हुए परेशान

संवाद सहयोगी, मोगा : जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स व इसके दूसरे हिस्से में बने एसएसपी ऑफिस के हालात में कोई सुधार नहीं है। आज भी यहां दफ्तरों में अपने कामकाज के लिए आने वाले दिव्यांगों व बुजुर्गों के लिए व्हीलचेयर की व्यवस्था नहीं है। मुश्किल से अपनों या दूसरों का सहारा लेकर सीढि़यां चढ़नी पड़ती हैं।

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दोपहर 11 बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक जिला प्रबंधकीय कांपलेक्स में बिजली बंद रहने के कारण सभी लिफ्ट बंद हो चुकी थीं। सिर्फ जेनरेटर के सहारे अधिकारियों के कमरे जरूर बिजली से रोशन थे, लेकिन यहां कामकाज के लिए आने वाले दिव्यांगों की सीढियिां चढ़ते हुए सांस फूल रही थी। पांच मंजिला कांप्लेक्स में व्हीलचेयर या रैंप पहले से ही नहीं है, लिफ्ट बंद होते ही पूरा सिस्टम दिव्यांग हो जाता है।

फोटो-6

सीढ़यिां चढ़ने में फूल रहा दम

गांव सांगला से जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में वीरवार को अपना असलहा लाइसेंस रिन्यू कराने पहुंचे 60 वर्षीय हरजीत सिंह को दूसरी मंजिल तक सीढि़यां चढ़ने के बेटे का सहारा लेना पड़ा। पैरालाइसिस की वजह से वह चलने-फिरने में भी असमर्थ हैं। लिफ्ट बंद कर पहले तो मायूस हुआ, बाद में कुछ देर लाइट आने का इंतजार भी किया। मगर कोई उम्मीद नहीं दिखी तो बेटे से सीढियिां चढ़ाने के लिए कहा।हरजीत सिंह का पैर खराब होने के कारण वह गेट से अंदर तक 11से 12 मिनट में मुश्किल से पहुंचा था। एसएसपी ऑफिस में भी दिव्यांगों को नहीं सुविधा

दिव्यांग गुरप्रीत कौर ने बताया कि वे एक काम से एसएसपी ऑफिस पहुंची हैं, दो साल पहले एक गलत इंजेक्शन से दोनों पैरों ने काम करना बंद कर दिया है। बैसाखी की मदद से वे चलती हैं। गुरप्रीत कहती हैं कि जिला प्रबंधकीय कार्यालय में दिव्यांगों को किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिल रही है। इस संबंध में वे चड़दीकलां ऑल हैंडीकैप वेलफेयर क्लब, शेखांकलां के माध्यम से इस बारे प्रशासन को कई बार दिव्यांगों का सहयोग करने की अपील कर चुकी है। व्हीलचेयर कहां मिलती है, अब भी नहीं पता

जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में गांव डाला से आए बुजुर्ग ने बताया कि वह अपने एक काम से जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में आए हैं। जब कागजात तैयार करवाने के लिए जिला प्रबंधकीय कांप्ललेक्स में बने कार्यालय में आना पड़ा तो उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्होनें बताया कि उन्हें नहीं पता कि जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में व्हील-चेयर या अन्य कोई सुविधा उपलब्ध है।


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