जानलेवा बना अधूरा हाईवे, एक ही जगह सात दिन में पलटे आठ ट्रक
तलवंडी-लुधियाना हाईवे हादसों का हाईवे बन गया है। 21 सितंबर 2014 तक पूरा होने वाला ये हाईवे आज तक अधूरा है।
जागरण संवाददाता, मोगा : तलवंडी-लुधियाना हाईवे हादसों का हाईवे बन गया है। 21 सितंबर 2014 तक पूरा होने वाला ये हाईवे आज तक अधूरा है। अधूरे हाईवे पर कई ऐसे प्वाइंट हैं, जो साक्षात मौत का द्वार बने हुए हैं। फोकल प्वाइंट के निकट हाईवे व लिक रोड पर लगभग एक फीट का लेवलिग में अंतर होने के कारण यहां पर एक सप्ताह में आठ लोडेड ट्रक पलट चुके हैं। तीन ट्रक तो मंगलवार को एक ही दिन में पलटे थे। दैनिक जागरण में इस समस्या को प्रमुखता से छापने के बाद बुधवार को लेवल में अंतर वाले स्थानों पर पुलिस ने ट्रैफिक बोर्ड लगवा दिए हैं। यही नहीं बल्कि अधूरे हाईवे पर हादसों के कई प्वाइंट छोड़ दिए गए हैं। उधर ठेकेदार दावा कर रहा है कि हाईवे का काम 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है।
गौरतलब है कि 489 करोड़ की लागत से बनने वाला 75 किलोमीटर लंबा तलवंडी-लुधियाना हाईवे पिछले पांच वर्षों में 500 लोगों की जान शुरुआती एक साल में ही ले चुका है। हाईकोर्ट में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार साल 2014-15 के दौरान इस हाईवे पर 121 लोगों की जान जा चुकी हैं, 128 लोग घायल हुए थे। 2016 में 194, 2017 में 173, 2018 में 190 जानें जा चुकी हैं। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 489 करोड़ की लागत से फोरलेन सड़क को बनाने का ठेका दिया था। 2011 में लुधियाना-तलवंडी हाईवे का काम शुरू किया गया था। फोरलेन सड़क का काम 21 सितंबर 2014 तक पूरा होना था। लेकिन अब तक अधूरा पड़ा है। हैरानी की बात है कि डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस इस मामले में धारा-133 सीआरपीसी के तहत हाईवे अथॉरिटी को नोटिस जारी कर चुके हैं, इसके बावजूद सड़क को पूरा करने में किसी प्रकार की दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है।
कोट्स
मामला बेहद गंभीर है। हाईवे के मामले को लेकर जिला प्रशासन की ओर से और भी गंभीर कदम उठाए जाएंगे, साथ ही ऐसे प्वाइंट हैं जिनकी वजह से हादसे हो रहे हैं, उन्हें अस्थायी रूप से ठीक कराया जाएगा।
-संदीप हंस, डीसी
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सत्येन ओझा