शिक्षा सिर्फ सर्टीफिकेट नहीं, समाज की बेहतरी की वजह
शिक्षा का मतलब सिर्फ सर्टिफिकेट नहीं बल्कि समाज से संबंध स्थापित कर उसकी बेहतरी के लिए उपयोगी साबित होना है।
जागरण संवाददाता, मोगा : शिक्षा का मतलब सिर्फ सर्टिफिकेट नहीं बल्कि समाज से संबंध स्थापित कर उसकी बेहतरी के लिए उपयोगी साबित होना है। उच्च शिक्षा हासिल कर हम बड़े वैज्ञानिक या डॉक्टर बन कर अगर इस काबिल बनाने वाले मां-बाप को खुशी नहीं दे सकते हैं तो ऐसी शिक्षा का कोई मतलब नहीं है।
ये कहना था पीजी गर्ल्स कॉलेज चंडीगढ़ के डॉ.अंबुज शर्मा का वे एसडी कॉलेज फॉर वूमैन में आइक्यूएसीटी की ओर से नेक द्वारा स्पांसर एमरजिग ट्रेंडस इन हायर एजुकेशन एंड इट्स इम्पेक्ट ऑन सोसायटी विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में रिसोर्सपर्सन के रूप में संबोधित कर रहे थे। समारोह के मुख्यातिथि डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस ने कहा कि समाज में दो प्रकार के लोग होते हैं, जर्नलिस्ट व स्पेशलिस्ट। प्रशासक के रूप में वे जर्नलिस्ट की भूमिका में है। देश के लिए अमूल्य मानव संसाधन पैदा करने वाले शिक्षक स्पेशलिस्ट हैं। सही मायने में राष्ट्रीय निर्माण में उनकी भूमिका कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है।
सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में जम्मू यूनीवर्सिटी से डॉ.जसपाल सिंह, डॉ.अरविदर ढींगरा (गुरु नानक देव इंजीनियरिग कालेज लुधियाना), डॉ .प्रगट सिंह गरचा जीएजी. एजुकेशन कॉलेज गुरुसर सुधार विशेष तौर पर उपस्थित हुए।
मुख्य मेहमान डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस ने समाज के ज्वलंत मुद्दों पर बेबाक टिप्पणी करते हुए कहा कि समस्याओं का समाधान कॉलेज व यूनीवर्सिटी से निकलना चाहिए। इस दिशा में देश में इस समय बेहतर प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने महिला सशक्तीकरण, पर्यावरण प्रदूषण आदि ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करते हुए युवाओं को आह्वान किया कि उनकी ऊर्जा, उनकी शिक्षा समाज के इन ज्वलंत मुद्दों के हल करने में लगने लगेगी, उसी दिन से बदलाव तय है।