Move to Jagran APP

मल्टीस्टोरी पार्किंग, सिनेमा हॉल और होटल बनाने के दिखाए सपने रह गए अधूरे

शहर की पुरानी दाना मंडी के एक हिस्से में साल 2015 में मल्टीस्टोरी पार्किंग के साथ सिनेमा व होटल बनाने के सपने भी दिखाए गए थे

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 01:14 AM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 06:38 AM (IST)
मल्टीस्टोरी पार्किंग, सिनेमा हॉल और होटल बनाने के दिखाए सपने रह गए अधूरे
मल्टीस्टोरी पार्किंग, सिनेमा हॉल और होटल बनाने के दिखाए सपने रह गए अधूरे

जागरण संवाददाता, मोगा :शहर की पुरानी दाना मंडी के एक हिस्से में साल 2015 में मल्टीस्टोरी पार्किंग के साथ सिनेमा व होटल बनाने के सपने भी दिखाए गए थे। पूरा प्रस्ताव हाउस में पास करने के बाद अवैध अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान प्रोजेक्ट का नक्शा भी प्रस्तुत किया गया था, लेकिन अभी तक निगम न तो मंडी को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त कर सकी है न ही मंडी में उजाड़े गए खोखों को पुर्नवासित कर पाई है। जनप्रतिनिधियों व जनप्रतिनिधियों की इसी उदासीनता का फायदा उठाकर कुछ लोगों ने अवैध रूप से रेहड़ियां किराए पर लगवाना शुरू कर दिया है। यानि मंडी में जगह निगम की है, उस जगह को बेच कोई और रहा है।

loksabha election banner

गौरतलब है कि एक समय शहर की प्रमुख मंडी रही पुराना दाना मंडी में अब नई मंडी बनने के बाद अनाज मंडी का अस्तित्व तो लगभग खत्म हो चुका है, उसकी जगह दूसरे व्यवसायिक प्रतिष्ठानों ने ले लिया है, जिसके चलते अब मंडी में सफाई, सड़कें, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं ही बड़ी समस्या नहीं है, बल्कि अवैध मंडी में अवैध अतिक्रमण सबसे बड़ी समस्या बना हुआ है।

मंडी के व्यापारियों का कहना है कि सपने तो मल्टी पार्किग के दिखाए गए थे, लेकिन हनुमान मंदिर के सामने धार्मिक समारोहों के लिए दिए गए स्थान को भी निगम अतिक्रमण मुक्त नहीं कर पाई है वह भी उस स्थिति में जब यहां दिन भर खड़े रहने वाले टैंपो को भाग सिनेमा के निकट पार्किंग स्पेस आवंटित कर दिया गया है।

क्या हुआ है घालमेल

हाईकोर्ट के आदेश पर नगर निगम ने पुरानी दाना मंडी में 192 अवैध निर्माणों को 19 नवंबर 2017 को ध्वस्त कर दिया था, इसके साथ ही 229 खोखों को भी उजाड़ दिया था। बाद में वैंडरिग नीति के तहत इन खोखों का वैध रूप से आठ गुणा आठ फीट के खोखे स्थापित करने का फैसला निगम ने किया था। ये फैसला पिछले डेढ़ साल से फाइलों में भी धूल फांक रहा है। कई नेता उजाड़े गए खोखा वालों को दोबारा बसाने के नाम पर बड़े-बड़े बयान दे चुके हैं, लेकिन आज तक एक खोखे वाले को नहीं बसा सके, अभी तक ये मामला सिर्फ नेताओं के बयानों तक सीमित है। ये स्थिति तब है जब सरकार मोगा में 592 लोगों को खोखे व रेहड़ी लगाकर देने का नोटीफिकेशन जारी कर चुकी है। हालत ये है कि निगम न तो खोखे वालों को दोबारा अभी तक बसा पाई है न ही मल्टीपार्किंग व मल्टीप्लैक्स के सपने दिखाकर उस दिशा में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा सकी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.