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मलेशिया में बेटे की मृत्यु से टूटे परिवार के सपने

मोगा बड़ी उम्मीद के साथ मजदूर परिवार ने अपने बेटे को मलेशिया भेजा था। मगर तीन साल बाद ही उसका मलेशिया में 12 सितंबर को बीमारी के कारण निधन होने से परिवार के सपने टूट गए। उक्त युवक का शव एक दिन पहले ही मलेशिया से कस्बा धर्मकोट के गांव बडूवाल में पहुंचा था। जिसका शनिवार को सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 10:49 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 05:04 AM (IST)
मलेशिया में बेटे की मृत्यु से टूटे परिवार के सपने
मलेशिया में बेटे की मृत्यु से टूटे परिवार के सपने

संवाद सहयोगी, मोगा

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बड़ी उम्मीद के साथ मजदूर परिवार ने अपने बेटे को मलेशिया भेजा था। मगर, तीन साल बाद ही उसका मलेशिया में 12 सितंबर को बीमारी के कारण निधन होने से परिवार के सपने टूट गए। उक्त युवक का शव एक दिन पहले ही मलेशिया से कस्बा धर्मकोट के गांव बडूवाल में पहुंचा था। जिसका शनिवार को सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया।

इस बारे में थाना धर्मकोट में तैनात एएसआइ कुलदीप सिंह ने बताया कि प्रगट सिंह पुत्र बख्तावर सिंह निवासी बडूवाल तीन वर्ष पहले परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए मलेशिया गया था। मगर, 12 सितंबर को इंफेक्शन के कारण उसकी हालत बिगड़ गई और उपचार के दौरान ही मौत हो गई। मलेशिया में बेटे की मौत होने का दर्द लेकर परिवार ने सरकार से बेटे का शव गांव भेजने की गुहार लगाई गई । इसके तहत मलेशिया की कंपनी ने 24 सितंबर की रात्रि शव को अमृतसर एयरपोर्ट पर भेज दिया था। जहां से परिवार के सदस्य उसे लेकर आए। पुलिस ने मृतक के पिता के बयान के आधार पर पोस्टमार्टम करवाकर उसे परिजनों के हवाले कर दिया है।

उधर, सिविल अस्पताल में मौजूद मृतक प्रगट सिंह के पिता बख्तावर सिंह ने बताया कि उनके प्रगट सिंह के अतिरिक्त चार बेटियां है। जिनमें से दो बेटियों की शादी करने के बाद वह अन्य की भी अच्छे ढंग से शादी करना चाहता था। उसी को लेकर उसने अपने इकलौते बेटे प्रगट सिंह को परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए मलेशिया भेजा था। वहां तीन वर्ष तक काम करने के बाद उन्हें क्या पता था कि उन्हें दोबारा बेटे को फिर से हंसता खेलता देखना नसीब नहीं होगा।


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