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डा.शामसुंदर नर्सिग होम बनेगा शहर का पहला पालीथिन कैरी बैग मुक्त अस्पताल

। रेलवे रोड स्थित प्रमुख डा.शाम सुंदर नर्सिंग होम शहर का पहला पहला पालीथिन कैरी बैग मुक्त अस्पताल बनेगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 10:17 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 10:17 PM (IST)
डा.शामसुंदर नर्सिग होम बनेगा शहर का 
पहला पालीथिन कैरी बैग मुक्त अस्पताल
डा.शामसुंदर नर्सिग होम बनेगा शहर का पहला पालीथिन कैरी बैग मुक्त अस्पताल

जागरण संवाददाता.मोगा

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रेलवे रोड स्थित प्रमुख डा.शाम सुंदर नर्सिंग होम शहर का पहला पहला पालीथिन कैरी बैग मुक्त अस्पताल बनेगा। दीवाली के मौके पर शहर को ये तोहफा हास्पिटल के एमडी डा.सीमांत गर्ग देंगे। इसके लिए डा.सीमांत गर्ग ने कपड़े के छोटे बड़े बैग तैयार करने के लिए गुजरात की कंपनी के साथ अनुबंध किया है। दीवाली के बाद अस्पताल से दी जाने वाली दवाएं, टेस्ट रिपोर्ट आदि चीजें कपड़े के बने लिफाफे में ही दी जाएंगी।

हरियावल पंजाब के संयोजक रामगोपाल की ओर से प्रदेश भर में चलाई जा रही इस मुहिम के तहत हास्पिटल ने ये फैसला लिया है। डा.सीमांत ने बताया कि हास्पिटल मरकरी मुक्त पहले ही है, अब इसे पालीथिन मुक्त भी बनाया जाएगा। ताकि अस्पताल से ये संदेश जाए कि चिकित्सक सिर्फ मरीज का इलाज ही नहीं करते हैं, बल्कि प्लास्टिक कैरी बैग के सामान्य कचरे में जाने से हमारी धरती रोगी बनती जा रही है, इसका इलाज भी अस्पतालों की पहल पर हो, तभी सही मायने में अस्पताल से स्वस्थ होकर जाने वाले मरीज आजीवन स्वस्थ रह सकेंगे। यह है योजना

हरियावल पंजाब के संयोजक रामगोपाल के अनुसार संस्था साल भर चलने वाली इस योजना के तहत तीन चरणों में काम कर रही है। जनवरी, फरवरी, मार्च व अप्रैल में जल सरंक्षण के प्रति समाज को जागरूक कर उन्हें पानी बचाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। मई से मानसून सक्रिय होने के बाद मई, जून, जुलाई, व अगस्त के चार महीने में पौधारोपण अभियान चलता है, जिसके तहत इस सीजन में शहर के विभिन्न पार्कों में एक हजार से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं, जिसकी नियमित रूप से देखभाल भी कर रहे हैं। सितंबर महीने में मानसून की सक्रियता खत्म होने के बाद जब पौधे लगाने के लिए मौसम अनुकूल नहीं होता है, तब सितंबर, अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर में पालीथिन कैरी बैग मुक्त अभियान चलाया जाना है। उन्होंने बताया इस पूरे अभियान के प्रति समाज में जबर्दस्त उत्साह देखने को मिला है, आने वाले समय में अस्पताल, गोशालाएं, बड़े व्यापारिक संगठनों को पालीथिन मुक्त करने का लक्ष्य लिया गया है। उन्होंने डा.सीमांत गर्ग का धन्यवाद करते हुए कहा है कि उन्होंने सबसे पहले अपने अस्पताल से ये पहल शुरू की है, इससे पहले जवाहर नगर में अध्यापक दंपती राजिदर बंसल अपने घर को पालीथिन कैरी बैग मुक्त बना चुके हैं। पूरा परिवार न तो प्लास्टिक कैरी बैग घर में लाते हैं न ही मेहमानों को लाने देता है।

कचरे में न फेंके प्लास्टिक कैरी बैग

मुहिम के संयोजक रामगोपाल व समाजसेवी डा.सीमांत गर्ग ने लोगों से अपील की है कि घरों व प्रतिष्ठानों में हर रोज बड़ी संख्या में आने वाले प्लास्टिक कैरी बैग को कचरे में न फेंकें या तो उनका दोबारा प्रयोग करें, या फिर घर में एक जगह उसे एकत्रित कर लें। ज्यादा संख्या में कैरी बैग एकत्रित होने पर उसे आइएसएफ कालेज आफ फार्मेसी में भिजवा दें या हरियावल पंजाब के किसी सदस्य को दें, ताकि ये कैरी बैग कचरे में जाने से बचेंगे, उससे वातावरण को होने वाले नुकसान को बचाया जा सकेगा।

विशाल कैप्सूल तैयार किया जाएगा

आइएसएफ कालेज आफ फार्मेसी के डीन एकेडमी डा.जीडी गुप्ता ने बताया कि कालेज शहर के प्लास्टिक कैरी बैग को एकत्रित कर उसका विशाल कैप्सूल तैयार करेगा, जिसमें शहर भर के कई साल के प्लास्टिक कैरीबैग के कचरे को एकत्रित किया जा सकेगा, बाद में कालेज कैंपस में ही ये कैप्सूल दर्शकों के आकर्षक ढंग से तैयार रखा जाएगा, ताकि ये संदेश दिया जा सके कि एक सकारात्मक सोच से किस प्रकार से वातावरण को प्रदूषित करने वाले प्लास्टिक के कचरे से दर्शनीय कैप्सूल तैयार किया गया है, इससे समाज के दूसरे लोग भी प्रेरित होंगे।


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