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कांवड़ यात्रा न होने से शिवभक्तों में छाई मायूसी, नहीं दिखेंगे कावड़ियों के जत्थे

मोगा जुबान पर बम-बम भोले का नाम कंधे पर कावड़ और शिव भक्ति में डूबे लाखों कांवड़ियों के जत्थे हर साल नील कंठ की भक्ति में आजकल लीन होते है क्योंकि शिव भक्तों के लिए सावन माह ही सबसे बड़ा त्योहार है। कांवड़ यात्रा की तारीख आने वाली है लेकिन इस बार शिव भक्तों को घर पर रहकर शिव की भक्ति करनी होगी क्योंकि कांवड़ यात्रा को भी कोरोना का ग्रहण लग गया है। कोरोना के कारण इस बार कांवड़ यात्रा नहीं होगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 10:44 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 10:44 PM (IST)
कांवड़ यात्रा न होने से शिवभक्तों में छाई मायूसी, नहीं दिखेंगे कावड़ियों के जत्थे
कांवड़ यात्रा न होने से शिवभक्तों में छाई मायूसी, नहीं दिखेंगे कावड़ियों के जत्थे

तरलोक नरूला, मोगा

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जुबान पर बम-बम भोले का नाम, कंधे पर कावड़ और शिव भक्ति में डूबे लाखों कांवड़ियों के जत्थे हर साल नील कंठ की भक्ति में आजकल लीन होते है, क्योंकि शिव भक्तों के लिए सावन माह ही सबसे बड़ा त्योहार है। कांवड़ यात्रा की तारीख आने वाली है, लेकिन इस बार शिव भक्तों को घर पर रहकर शिव की भक्ति करनी होगी, क्योंकि कांवड़ यात्रा को भी कोरोना का ग्रहण लग गया है। कोरोना के कारण इस बार कांवड़ यात्रा नहीं होगी। वर्षो से गंगाजल ला रहे कांवड़ियों के कदम इस बार रुक जाएंगे। शिव भक्त इस बार हरिद्वार में गंगाजल नहीं ला पाएंगे। कांवड़ियों के हरिद्वार में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है। अगर कोई जाता है, तो उसे 14 दिन क्वारंटाइन होना होगा, वो भी अपने खर्च पर। जिसके चलते कांवड़ियो में मायूसी है कि ऐसा उनके जीवन में पहली बार हो रहा है।

बता दें कि मोगा से भी अलग-अलग मंडलों के लगभग 350 कांवड़िये डाक कावड़ द्वारा हरिद्वार से गंगाजल लाते थे। मगर, इस बार उन्हें यह अवसर नहीं मिलेगा। उनके अनुसार ऐसा उनके जीवन में पहली बार हुआ है।

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18 को शिवरात्रि पर करेंगे जलाभिषेक

इस बारे में बम बम भोले डाक कांवड़ संघ के अमित मित्तल ने बताया कि वह पिछले 21 वर्षो से लगातार अपने साथियों आनंद जैन, विनीत गर्ग, रोहित शर्मा, गौरव जैन, रमन कौशल, विक्की मेहंदीरत्ता आदि के सहयोग से 150 कांवड़ियों के जत्थे समेत सावन शिवरात्रि पर अभिषेक हेतु डाककांवड़ लेने जाते रहे हैं। मगर, इस बार कोरोना महामारी के कारण यह अवसर नहीं मिल रहा। उनका कहना है कि मंडल के सभी सदस्य इससे मायूस हैं। डाक कांवड़ लाने के लिए लगभग दो माह पहले ही तैयारी शुरू हो जाती थी। कांवड़ को सजाना, धर्मशाला में रुकने का प्रबंध, कांवड़ियों की लिस्ट तैयार करना व लंगर की व्यवस्था जैसे कार्य शुरू हो जाते थे। मगर, इस बार कोरोना महामारी के चलते सभी के चेहरों पर मायूसी है। भोले से अरदास करेंगे कि यह महामारी जल्द खत्म हो। 18 जुलाई को सावन शिवरात्रि पर सरकारी आदेश का पालन करते हुए शिवलिग का जलाभिषेक करेंगे।

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इस बार डाक कांवड़ संभव नहीं

शिवाला कांवड़ संघ के शेखर कुमार ने बताया कि उनके नेतृत्व में पिछले 20 वर्षो से लगभग 65 कांवड़ियों का जत्था हरिद्वार से डाक कावड़ द्वारा गंगाजल लेने जाते रहा है। डाक कांवड़ लाकर शिवरात्रि पर भोले के शिवलिग पर अभिषेक करते हैं। मगर, इस बार कोरोना महामारी के कारण डाक कावड़ संभव नहीं है। अगर सरकार की तरफ से आज्ञा मिलती है, तो वह गाड़ी से गंगाजल लाकर सभी भक्तों को वितरित करेंगे। सावन का व्रत रखकर शिवलिग का अभिषेक करेंगे।

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पिछले साल लाए गंगाजल से करेंगे अभिषेक

जय श्री राधे क्लब के प्रधान गंगेश्वर सिगला ने बताया कि वह 21 वर्षो से डाक कांवड़ ला रहे हैं। उनके नेतृत्व में 50 कांवड़िये गंगाजल लेने जाते हैं। जो भी व्यक्ति जिस इच्छा से डाक कांवड़ लेने जाता है, शिव भोले उसकी इच्छा पूर्ण करते हैं। सभी साथी इस बार भी उतावले हैं, लेकिन सरकारी आदेशों की अवहेलना नहीं कर सकते। इसलिए पिछले वर्ष लाया गया गंगाजल जिनके पास होगा, उससे ही सभी शिवलिग का अभिषेक करेंगे।

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कांवड़ यात्रा न होने से मन व्यथित

जय शिव शंकर कांवड़ संघ के गगनदीप शर्मा ने बतया कि वह 12 वर्षो से कांवड़ यात्रा ला रहे हैं। इस बार 13वीं डाक कांवड़ थी। उनके मंडल में 60 कांवड़ियों का जत्था हर वर्ष सावन शिवरात्रि के लिए गंगाजल लेने जाता था। मगर, इस बार महामारी के कारण वे नहीं जा पाएंगे। उन्होंने कहा कि जब कांवड़ यात्रा की याद आती है, मन भर आता है कि इस बार यह मनोकामना पूरी नहीं होगी।


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