बिना इलाज निराश हो अस्पताल से लौटा मरीज
आखिरकार डॉ. मथुरादास सिविल अस्पताल में मरीज छह दिन तक घाव लेकर बैठा रहा लेकिन किसी डॉक्टर का दिल नहीं पसीजा।
संवाद सहयोगी, मोगा : आखिरकार डॉ. मथुरादास सिविल अस्पताल में मरीज छह दिन तक घाव लेकर बैठा रहा, लेकिन किसी डॉक्टर का दिल नहीं पसीजा। आखिरकार परिजन उसे ये कहते हुए छुट्टी दिलाकर ले गए, गांव के किसी डॉक्टर से इलाज कराएंगे।
13 नवंबर की रात को सड़क हादसे में घायल होने के बाद मरीज को रात 10 बजे अस्पताल में दाखिल हुआ था। उसका एक पैर बुरी तरह कुचल गया था। 18 नवंबर को परिजनों के हंगामे के बाद उसकी ड्रेसिग की गई थी, उस समय तक घाव में बदबू आने लगी थी। दो दिन फिर इलाज शुरू होने का इंतजार किया। घायल का आरोप है कि किसी ने भी कोई सुनवाई नहीं की तो परिजन उसे उसी हालत में वापस घर ले गए।
धर्मकोट के गांव कलेरा निवासी गुरप्रीत सिंह 13 नवंबर को एक ट्रक की चपेट में आने से रात 10 बजे घायल हो गया। रात को एक बजे परिजन उसे मथुरादास सिविल अस्पताल में लेकर पहुंचे थे। उसका एक पैर बुरी तरह जख्मी हो गया था। हादसे के चार दिन तक घायल की ड्रेसिग तक नहीं हुई। 18 नवंबर की दोपहर परिजनों ने हंगामा किया, तब जाकर उसकी ड्रेसिग हुई है लेकिन उसका एक्सरे किया। घायल गुरप्रीत सिंह का कहना था कि उसे न किसी पर कानूनी कार्रवाई करानी थी, सिर्फ इलाज चाहिए था, यहां सभी से काफी मिन्नतें कर लीं, लेकिन किसी ने इलाज तक नहीं किया। आखिरकार देर शाम परिजन उसे वापस घर ले गए।
नहीं मिली कोई शिकायत : एसएमओ
एसएमओ डॉ.राजेश अत्री का कहना है कि उनके पास इस प्रकार की कोई शिकायत नहीं आई। अगर उन्हें शिकायत मिलती तो वे इलाज कराते।