परोपकार में ही इंसानियत का सच्चा स्वरूप निहित : शास्त्री
मोगा देवीदास केवल कृष्ण चेरिटेबल ट्रस्ट में 42वां मांगलिक सत्संग ज्येष्ठ बदी प्रतिपदा को उत्साह से मनाया गया।
संवाद सहयोगी, मोगा : देवीदास केवल कृष्ण चेरिटेबल ट्रस्ट में 42वां मांगलिक सत्संग ज्येष्ठ बदी प्रतिपदा को उत्साह से मनाया गया। सुनील कुमार शास्त्री ने वैदिक मंत्रोच्चारण कर वैदिक संध्या करवाई। श्री राम कथा सुनाते हुए आचार्य सुनील कुमार शास्त्री ने कहा कि जब इंसानी हृदय हमदर्दी से भरा हुआ हो तो खुशी अपने आप बाहर झांकने लग जाती है। प्रसन्नता से दिमाग को जगाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्यों को निराकार देव की उपासना करना अति आवश्यक है। इंसानियत का सच्चा स्वरूप परोपकार में ही निहित है जैसे यज्ञ का स्वरूप है। जिस सेवा परोपकार से अमरदेव ईश्वर की सेवा नहीं होती वह सेवा सेवा नहीं है। भौतिक उन्नति भी इंसानियत की उन्नति व आध्यात्मिक उन्नति के लिए ही होनी चाहिए। बुद्ध पूर्णिमा पर धर्माचार्य ने बताया कि बुद्ध की 2563वीं जयंती है। धर्माचार्य सुनील कुमार शास्त्री ने मन के गहरे अंधियारे में ओम का नाम दिए जैसा गाकर.., समां बांधा। अनुराग सूरी ने श्री रामायण की चौपाइयों तथा मेरी सुनकर करुण पुकार ऋषि आएगा, मेरे घर के आगे ऋषि जी तेरा मंदिर बन जाए, इंदु पुरी जी ने वैष्णव जन तो तेने कहिए, शकुंतला गर्ग ने मिलता है सच्चा सुख केवल, गीता अग्रवाल ने हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में, लखविदर सिंह लक्खा, रामचंद्र शर्मा, रानी गुप्ता, सुखदेव सावरा, राधा, इंद्रजीत राही ने उतरा सागर में जो उसे मोती मिले, हम आए शरण तुम्हारी, रंग बरसे दाता रंग बरसेगा.. से समां बांधा। इंदु पूरी ने सभी को ऐसे समागमों में भाग प्रेरणा दी।
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