चेरिटेबल ट्रस्ट में करवाया महासत्संग
स्थानीय देवी दास केवल कृष्ण चेरिटेबल ट्रस्ट में 77वां मांगलिक महासत्संग और वैदिक संध्या करवाई गई। प्रितपाल सिंह ने वैदिक गीत संध्या गाकर समां बांधा। समाज सेविका इंदु पुरी ने भजन गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। इस दौरान गायकों ने बहुत सुंदर भजन सुनाए।
संवाद सहयोगी, मोगा : स्थानीय देवी दास केवल कृष्ण चेरिटेबल ट्रस्ट में 77वां मांगलिक महासत्संग और वैदिक संध्या करवाई गई। प्रितपाल सिंह ने वैदिक गीत संध्या गाकर समां बांधा। समाज सेविका इंदु पुरी ने भजन गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। इस दौरान गायकों ने बहुत सुंदर भजन सुनाए। संस्थान के धर्माचार्य सुनील कुमार शास्त्री ने श्रीराम कथा सुनाए। इससे हमें माता पिता की सेवा करना, गुरुजी की सेवा करना, देश की सेवा करने की सीख मिलती है। इसी प्रकार से एक शब्द है ईश्वर भक्ति तो इसका अर्थ भी ऐसा होगा, ईर्श्वर की सेवा करना, माता पिता गुरु आदि तो शरीरधारी हैं, इसलिए हम उनकी सेवा खिला पिलाकर, हाथ पैर दबाकर, चिकित्सा आदि कराकर कर लेते हैं। उन्हें इन वस्तुओं की आवश्यकता भी है। और हम जो उनकी इस प्रकार से सेवा करते हैं, इससे उनको प्रसन्नता आनंद भी होता है। इसका उत्तर ऋषि लोग बताते हैं, भक्ति का अर्थ है, सेवा करना। सेवा का अर्थ है आज्ञा पालन करना। यदि हम माता पिता की आज्ञा का पालन करते हैं, तो यह उनकी सेवा है। इसी प्रकार से यदि हम ईश्वर की आज्ञा का पालन करें, तो यह उसकी सेवा होगी और उसकी भक्ति होगी ।