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राशन वितरण में अनियमितताओं की जांच के लिए पहुंचे डिप्टी डायरेक्टर

फूड एंड सिविल सप्लाई विभाग के अधिकारियों की अनियमितताओं का राजफाश होने के बाद आखिरकार विभाग के डिप्टी डायरेक्टर मंगलदास बुधवार को शहर में राशन वितरण की चेकिग करने पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 10:49 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 10:49 PM (IST)
राशन वितरण में अनियमितताओं की जांच के लिए पहुंचे डिप्टी डायरेक्टर
राशन वितरण में अनियमितताओं की जांच के लिए पहुंचे डिप्टी डायरेक्टर

सत्येन ओझा, मोगा : फूड एंड सिविल सप्लाई विभाग के अधिकारियों की अनियमितताओं का राजफाश होने के बाद आखिरकार विभाग के डिप्टी डायरेक्टर मंगलदास बुधवार को शहर में राशन वितरण की चेकिग करने पहुंचे। स्थानीय अधिकारियों ने जांच के दौरान मीडिया के चुनिदा लोगों को बुलाकर मैनेज करने की कोशिश की, लेकिन उल्टा हो गया। डिप्टी डायरेक्टर के सामने जब एक के बाद राज उजागर होने लगे तो इंस्पेक्टरों के पसीने छूटने लगे। डिप्टी डायरेक्टर से जब पूछा गया कि शहर में कहीं भी डिपो रद होने पर वहां के कार्ड शहर के एक ही राशन डिपो से अटैच करने की क्या खास वजह है, इस पर इंस्पेक्टर ने गोलमोल जबाव देने का प्रयास किया। इसपर मंगलदास ने कहा वह इसकी जांच करेंगे।

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31 मार्च को गरीब कल्याण योजना के तहत जिले के एक लाख 26 हजार 203 नीले कार्ड धारकों के वितरण के लिए पहुंचे गेहूं और दाल के नाम पर फूड एंड सिविल सप्लाई विभाग ने पहले डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस के समक्ष गलत तथ्य पेश कर दावा कर दिया था कि जिले के सभी 504 राशन डिपो पर राशन सामग्री पहुंच चुकी है। दैनिक जागरण में लगातार 25, 26 व 27 मई के अंक में राशन वितरण के नाम पर चल रहे सियासी खेल का राजफाश किया। इसके बाद डिप्टी डायरेक्टर खुद जांच के लिए पहुंचे। हालांकि डिप्टी डायरेक्टर के पहुंचने पर अचानक मीडिया के लोगों का सामना होने पर विभाग अधिकारियों के पसीने एक बार फिर छूटने लगे। पहले तो डिप्टी डायरेक्टर को स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि जिले में करीब 50 फीसद डिपो पर राशन बंट चुका है। बाद में डिप्टी डायरेक्टर को अपने दी दावे को संशोधित कर कहना पड़ा कि 50 प्रतिशत राशन डिपो पर राशन पहुंचाया जा रहा है, आने वाले दो तीन दिन में सभी राशन डिपो पर राशन सामग्री पहुंचा दी जाएगी।

डिप्टी डायरेक्टर से जब पूछा गया कि शहर के जो राशन डिपो रद कर होते हैं उनके लाभार्थियों को पता ही नहीं है कि उन्हें राशन कहां से लेना है, उनके नाम पर राशन तो रिकार्ड में उन्हें पहुंच रहा है, लेकिन लाभार्थियों को नहीं मिल रहा है। इसपर भी डिप्टी डायरेक्टर ने भरोसा दिया कि ऐसा कोई मामला आया तो इसकी जांच की जाएगी।

इस मौके पर जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक गुरप्रीत सिंह कंग भी मौजूद थे।


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