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डीईओ के पत्र ने अपने ही विभाग को खड़ा किया कठघरे में

फोटो-50 51 आदर्श स्कूल घोटाला कांड -डीएसपी को सौंपे पत्र में डीईओ ने कहा प्रिसिपल का नहीं है अप्वाइंटमेंट लेटर -सवालबिना अप्वाइंटमेंट लेटर के डीईओ दो साल कैसे करते रहे वेतन भुगतान? -जिसका अप्वाइंटमेंट लेटर ही नहीं उसे नई मैनेजमेंट ने बर्खास्त किस आधार पर किया

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jun 2019 09:45 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jun 2019 09:45 PM (IST)
डीईओ के पत्र ने अपने ही विभाग को खड़ा किया कठघरे में
डीईओ के पत्र ने अपने ही विभाग को खड़ा किया कठघरे में

सत्येन ओझा, मोगा : पीपीपी मोड पर सरकार की ओर से स्थापित किए गए आदर्श स्कूल मनावां के मामले में नया मोड़ सामने आया है। जिला शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार शर्मा ने मामले की जांच कर रहे डीएसपी (इंवेस्टीगेशन) कुलजिदर सिंह को अपना पक्ष रखने के लिए जो पत्र सौंपा है, उसमें वे खुद फंसते नजर आ रहे हैं। डीईओ ने स्कूल की बर्खास्त प्रिसिपल पूनम गर्ग व अन्य स्टाफ के मामले में तर्क दिया है कि स्कूल में पूनम गर्ग का कोई रिकॉर्ड या अप्वाइंटमेंट लेटर नहीं मिला था, इस कारण वेतन जारी नहीं किया। डीईओ के इस पत्र पर सवाल उठता है कि अगर पूनम गर्ग का अप्वाइंटमेंट लेटर नहीं था तो स्कूल का प्रबंधन संभालने वाली नई कमेटी ने डायरेक्टर के हस्ताक्षर से प्रिसिपल पूनम गर्ग को स्कूल में प्रिसिपल की सेवाओं से बर्खास्त करने का पत्र कैसे थमा दिया, जिसका अप्वाइंटमेंट लेटर नहीं, उसकी बर्खास्तगी का आधार क्या था। दूसरा बड़ा सवाल ये है कि पूनम गर्ग को जुलाई 2017 से जून 2018 तक डीईओ के हस्ताक्षर से ही वेतन जारी होता रहा है, जिसमें 70 प्रतिशत हिस्सा सरकार का था, तो क्या डीईओ बिना अप्लाइंटमेंट के ही पूनम गर्ग को वेतन भुगतान करते रहे थे? बता दें कि पीपीपी मोड पर चल रहे आदर्श स्कूल मनावां का प्रबंधन सात जुलाई 2018 तक बीआइएस सोसायटी गगड़ा के पास था। सात सितंबर 2018 को स्कूल की नई मैनेजमेंट के रूप में शहीद ऊधम सिंह एजूकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी संगरूर ने मैनेजमेंट संभाल ली थी। जुलाई, अगस्त व 6 सितंबर 2018 तक बीआइएस सोसायटी की ओर से डीईओ ऑफिस को 69 अध्यापकों व स्कूल के अन्य स्टाफ के वेतन बिल बनाकर भेजे गए थे। मैनेजमेंट बदलने के बाद डीईओ ऑफिस में पूरा रिकॉर्ड ही बदल दिया गया। स्कूल स्टाफ की पुरानी मैनेजमेंट कमेटी के दो महीने छह दिन के रिकॉर्ड की नई शिक्षकों की सूची तैयार की गई जिसमें 69 शिक्षकों के स्थान पर 51 की सूची बनाई गई और वेतन रिलीज कर दिया गया।

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इस घोटाले को लेकर मई महीने में जिला प्रबंधकीय कॉम्पलेक्स में स्कूल के बच्चे व अभिभावकों ने जबदस्त प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों ने स्कूल पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस मामले की जांच डीएसपी (आपरेशन) को सौंपी गई थी।

बर्खास्त प्रिसिपल पूनम गर्ग का कहना है कि उन्होंने इस मामले की अलग से एसएसपी से शिकायत की थी। एसएसपी के हस्तक्षेप पर मामले की जांच डीएसपी ऑपरेशन कुलजिदर सिंह कर रहे हैं। बर्खास्त प्रिसिपल ने डीएसपी को पुरानी मैनेजमेंट के समय का वो पूरा रिकॉर्ड सौंप दिया था, जिसे डीईओ ऑफिस बता रहा है कि स्कूल में रिकार्ड ही नहीं मिल रहा है। सीधी बात डीईओ प्रदीप कुमार शर्मा

-आदर्श स्कूल मामले में जांच अधिकारी को सौंपे पत्र में आपकी ओर से कहा गया है कि पूनम गर्ग का कोई रिकॉर्ड स्कूल में नहीं मिल रहा है, तो क्या जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 तक पूनम गर्ग को बिना अप्वाइंटमेंट के वेतन जारी होता रहा?

-ये तो पुरानी मैनेजमेंट जाने कैसे वेतन दिया है।

-वेतन तो डीईओ सैकेंडरी के हस्ताक्षर से रिलीज होता है, कुल वेतन में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी सरकार की होती है?

-पुरानी मैनेजमेंट पूरा रिकॉर्ड ले गई।

-जब पुरानी मैनेजमेंट पूरा रिकार्ड ले गई तो सिर्फ कुछ स्टाफ को छोड़ बाकी स्टाफ का रिकॉर्ड कहां से मिला, उन्हें वेतन भुगतान कैसे हो गया, जिनमें कई नाम ऐसे हैं जिन्हें स्कूल के बच्चों ने कभी देखा ही नहीं?

-ये सब पुरानी मैनेजमेंट जाने। चंडीगढ़ से रिकॉर्ड आने के बाद आगे बढ़ेगी जांच

जांच अधिकारी डीएसपी कुलजिदर सिंह का कहना है कि शिक्षा विभाग चंडीगढ़ से रिकार्ड मंगाया है, वहां से रिकॉर्ड आने के बाद ही मामले की जांच आगे बढ़ पाएगी।

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