छोटे से प्रयास से शुरू हुआ मसालों के कारोबार की महक देश भर में फैलाई
सत्येन ओझा मोगा आज से करीब 25 साल पहले की बात याद करें तो कश्मीरी पार्क में मार्निंग वाक
सत्येन ओझा, मोगा
आज से करीब 25 साल पहले की बात याद करें तो कश्मीरी पार्क में मार्निंग वाक के बाद जो लोग पार्क के पिछले गेट से गीता भवन होकर न्यू टाउन या दूसरे क्षेत्र के लिए वापस लौटते थे, उनके लिए मेज पर गर्मा गर्म चाय के साथ घर के बने बिस्कुट इंतजार कर रहे होते थे। यानि मार्निंग वाक के बाद महाशय की तब पार्क के बराबर ही छोटी सी मसाला फैक्ट्री के बाहर शहर के लोगों की चौपाल सजती थी, ये हर दिन का नियम था।
शून्य से शिखर की यात्रा की
ये वह समय था जब आज पारस स्पाइसेज प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी तब प्रताप रोड पर एक छोटी की किरयाना की दुकान होती थी, पिता के साथ कड़ी मेहनत के बाद ये छोटी मसाला फैक्ट्री स्थापित कर ली थी, संयोग से नेस्ले इंडिया के साथ मैगी मसाले के लिए अनुबंध होने के बाद उनका मसाले का कारोबार चल पड़ा। शुरू से ही परोपकार की भावना रखने वाले विनय महाशय (बुद्धिराजा) ने महज 25 साल के सफर में आज करीब 800 करोड़ रुपये से ज्यादा के सालाना टर्न ओवर वाला कारोबार खड़ा करके एक मिसाल कायम की।
25 साल का सफर सपने से कम नहीं
जो लोग उस समय प्रताप रोड की छोटी सी किरयाना फैक्ट्री में विनय महाशय को बैठे देखते थे, उनके लिए आज पारस स्पाइसेज के सीएमडी वाले विनय महाशय किसी सपने जैसे दिखते हैं। विनय महाशय उन लोगों के लिए उदाहरण बन चुके हैं, जो ये कहते हैं कि पंजाब में कुछ नहीं, यहां किसी के लिए कोई स्कोप नहीं है, उन्होंने जीवन के 25 साल के सफर में अपनी मेहनत व जज्बे के बल पर 800 करोड़ रुपये सालाना टर्न ओवर का मसाला कारोबार ही खड़ा नहीं किया है, बल्कि प्रत्यक्ष रूप से एक हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रहे हैं।
जज्बा हो तो सब कुछ संभव
महाशय कहते हैं कि ईमानदारी हो, कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो अपने ही देश में सब कुछ हासिल किया जा सकता है। शुरू से ही सिद्धांतों के पक्के विनय महाशय की आज मोगा में जीरा रोड स्थित कई एकड़ क्षेत्र में मसाला फैक्ट्री है, खास बात ये है कि कुल फैक्ट्री क्षेत्र का 60 प्रतिशत से ज्यादा हरियाली है। पूरे फैक्ट्री क्षेत्र को रेन वाटर हार्वेस्टिग से जोड़ा गया है, बरसात का पानी ही नहीं बल्कि दैनिक प्रयोग में उपयोग होने वाला पानी भी प्रोसेसिग के बाद या तो भूमिगत चला जाता है, या फिर फैक्ट्री में लगे पेड़ पौधे व घास के मैदान की सिचाई के काम आता है। गुणवत्ता के साथ विनय महाशय ने कभी समझौता नहीं किया, उसी का परिणाम है कि देश के 75 प्रतिशत स्टार होटलों में महाशय की फैक्ट्री में बना मसाला सप्लाई हो रहा है। ये अपने आप में एक मिसाल है। काफी की खेती से लिख रह किसानों की समृद्धि
मसाला कारोबार स्थापित होने के बाद अब विनय महाशय ने पंजाब ही नहीं पंजाब के बाहर उत्तराखंड, उत्तराखंड, झारखंड आदि प्रदेश में किसानों से काफी की खेती ठेके पर करा रहे हैं, जो किसान महाशय के साथ काफी की खेती कर रहे हैं, वे किसान भी अपनी समृद्धि की नई कहानी लिख रहे हैं। विनय महाशय का मानना है कि उनका लक्ष्य व्यवसाय को बढ़ाने से ज्यादा इस बात पर फोकस रहता है कि उनके कारोबार से कितने लोगों को लाभ हो रहा है।