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बेसहारा पशुओं की संभाल के लिए प्रशासन उठाए कदम

मोगा उपभोक्ता अधिकार संगठन द्वारा वीरवार को प्रदेश अध्यक्ष पंकज सूद के नेतृत्व में डीसी संदीप हंस को एक ज्ञापन सौंपा गया। इस मौके पर पंकज सूद ने कहा कि शहर में घूमते बेसहारा पशुओं को पकड़ा जाए और गायों की देखभाल की जाए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 10:54 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 10:54 PM (IST)
बेसहारा पशुओं की संभाल के लिए प्रशासन उठाए कदम
बेसहारा पशुओं की संभाल के लिए प्रशासन उठाए कदम

संवाद सहयोगी, मोगा

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उपभोक्ता अधिकार संगठन द्वारा वीरवार को प्रदेश अध्यक्ष पंकज सूद के नेतृत्व में डीसी संदीप हंस को एक ज्ञापन सौंपा गया। इस मौके पर पंकज सूद ने कहा कि शहर में घूमते बेसहारा पशुओं को पकड़ा जाए और गायों की देखभाल की जाए।

उन्होंने कहा कि जिले में दो हजार एकड़ के करीब चारागाह है। जिन पर कई रसूखदार लोगों व काफी पंचायतों ने प्रस्ताव डालकर इन चरागाहों को शामलाट में बदल दिया है। उन्होंने कहा कि इन पंचायती जमीनों को किराये पर दिया जाता है। मगर, उक्त जमीनों का पशुओं को कोई लाभ नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि वे यह नहीं चाहते कि सरकार उक्त जमीनों को वापस ले। मगर, उनकी मांग है कि जिले की पंचायतों को यह आदेश जारी किए जाएं कि जितनी भी शामलात या चरांद इन पंचायतों में पड़ती है, उनकी निशानदेही की जाए। इस बारे में हर छह महीने बाद उक्त जमीनों से मिली राशि का 10 प्रतिशत अपने इलाके की गोशाला को दें। इसकी जिम्मेवारी पंचायत व सरपंच को सौंपी जाए। उन्होंने कहा कि अगर पंचायत व सरपंच उक्त आदेश का पालन नहीं करता है, उन पंचायतों व सरपंचों के खिलाफ सरकारी खजाने को खुर्दबुर्द करने की कार्रवाई की जाए।

संगठन का प्रयास है कि उक्त गायों को उनका बनता हक मिले। साथ ही इन गायों की संभाल करने वाली जत्थेबंदियों को भी थोड़ी राहत मिले। अभी यह भी पता नहीं लगता है कि चरांद वाली तथा शामलाट का पैसा किस के पास जाता है।


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