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विवादों में घिरी राजिंदरा एस्टेट, दीवार ध्वस्त कर अवैध कालोनी का रास्ता खोला

। विवादों में घिरी शहर की सबसे बड़ी राजिंदरा एस्टेट कालोनी पर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मेहरबानियां फिर चर्चा में हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 10:19 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 10:19 PM (IST)
विवादों में घिरी राजिंदरा एस्टेट, दीवार ध्वस्त कर 
अवैध कालोनी का रास्ता खोला
विवादों में घिरी राजिंदरा एस्टेट, दीवार ध्वस्त कर अवैध कालोनी का रास्ता खोला

सत्येन ओझा.मोगा

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विवादों में घिरी शहर की सबसे बड़ी राजिंदरा एस्टेट कालोनी पर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मेहरबानियां फिर चर्चा में हैं। कालोनी के ठीक पीछे करीब दो एकड़ से ज्यादा कृषि क्षेत्र में विकसित नई कालोनी को मिलाने के लिए जिस दीवार को ध्वस्त करने का प्रयास निगम कमिश्नर सुरिदर सिंह ने 14 अगस्त को अवैध बताकर विफल कर दिया था। रविवार को उसी दीवार को ध्वस्त कर अवैध रूप से विकसित कालोनी को भी राजिंदरा एस्टेट का हिस्सा बना दिया गया। निगम के रिकार्ड में अभी तक कृषि भूमि में विकसित कालोनी का सीएलयू नहीं हुआ है। इस बीच निगम ने कालोनी की सड़कें बनाने का काम शुरू कर दिया है। रिकार्ड व निगम कमिश्नर के दावे में अंतर

निगम कमिश्नर सुरिदर सिंह का कहना है कि राजिदरा एस्टेट एप्रूव्ड हो चुकी है, इसी के चलते निगम ने वहां सड़क बनाना शुरू किया है। नई विकसित कालोनी के मामले में उन्होंने कहा कि उसकी उन्हें जानकारी नहीं है, इसे चेक कराएंगे। उधर नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच के आधिकारिक रिकार्ड के अनुसार ए, बी, सी, डी, ई, एफ, जी ब्लाक में फैल चुकी राजिदरा एस्टेट कालोनी के सभी ब्लाक एक ही परिसर में हैं। हाल ही में निगम ने कालोनी के सिर्फ जी ब्लाक व एफ ब्लाक वाले हिस्से में ढाई एकड़, पांच एकड़ व सात एकड़ कुल साढ़े 12 एकड़ क्षेत्र की एप्रूवल के लिए ही निगम के पास फीस जमा कराई है, उस हिस्से का भी कंपलीशन सर्टिफिकेट अभी कालोनाइजर ने नहीं लिया है। ये है जमीनी हकीकत

कालोनाइजर ने 29 एकड़ का प्लान बनाकर करीब 35 साल पहले पुडा में एप्रूवल के लिए आवेदन किया थाद्ध निगम क्षेत्र में आने के बाद पुडा ने करीब एक करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लगाया था, जिसकी लंबित फाइल बाद में निगम को भेज दी थी, उस हिस्से को अभी तक एप्रूवल नहीं मिली है। इस बीच कालोनी का आकार बढ़कर 48 एकड़ हो चुका था, दो एकड़ और अवैध कालोनी मिलने से आकार 50 एकड़ का हो गया है। निगम के रिकार्ड में सिर्फ साढ़े 12 एकड़ क्षेत्र का डेवलपमेंट चार्ज ही जमा कराया है।

यह हैं नियम

नियम के अनुसार शहर में कोई अवैध कालोनी 75 प्रतिशत तक विकसित हो जाती है तो उसे रेगुलर करने के लिए सरकार ने हर नगर निगम क्षेत्र में कमेटियों का गठन किया है। इन कमेटियों में निगम अधिकारी, तहसीलदार व पुडा के अधिकारी शामिल होते हैं। वे कालोनी का निरीक्षण करने के बाद रिपोर्ट देते हैं कि कालोनाइजर ने नियमानुसार एसटीपी प्लांट, वाटर सप्लाई, पार्क, शापिग कांप्लेक्स, कम्युनिटी सेंटर बनाए हैं। अगर ऐसा किया गया है तभी उस कालोनी को कंपलीशन सर्टिफिकेट मिलता है। उसके बाद ही निगम संबंधित कालोनी को टेक ओवर कर सकता है। बड़े सवाल

50 एकड़ का आकार ले चुकी एक ही चारदीवारी के सिर्फ साढ़े 12 एकड़ हिस्से को क्या निगम नियमानुसार रेगुलर करके वहां पर विकास के काम करवा सकता है?

अगर सब कुछ नियमानुसार हुआ है तो अभी तक कालोनी में बनी सड़क की शुरूआत कराने कोई जनप्रतिनिधि क्यों नहीं पहुंचा, जबकि शहर में 100 फीट का हिस्सा बनने पर भी जनप्रतिनिधि पहुंचते हैं।

-कोलोनी में न एसटीपी प्लांट लगा है, न कालोनी के बढ़ते आकार के अनुसार जल सप्लाई की सुविधा है,न शापिग माल है। ऐसे में सिर्फ फीस जमा होने पर ही कालोनी में सड़क का निर्माण कार्य शुरू कराना क्या नियमानुसार है, अभी तक निगम हाउस की दो बैठकें हो चुकी हैं, दोनों में ही राजिदरा एस्टेट में सड़क बनाने का प्रस्ताव लाया ही नहीं गया। प्रस्ताव पास होने से विवादों में घिरी राजिदरा एस्टेट कालोनी में सड़कें बनाने की इतनी जल्दबाजी क्यों? विरोधाभासी बयानों क्यों?

मेयर नीतिका भल्ला के अनुसार राजिदरा एस्टेट में सड़क बनाने का प्रस्ताव हाउस में पास हो चुका है। निगम कमिश्नर सुरिदर सिंह का दावा है कि राजिंदरा एस्टेट कालोनी एप्रूव्ड हो चुकी है, इसलिए वहां निगम सड़कें बना रहा है। सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीन कुमार शर्मा के अनुसार राजिंदरा एस्टेट में अभी सड़कें कालोनाइजर बना रहा है, निगम नहीं बना रहा है। जब निगम राजिदरा एस्टेट को अपने अधीन लेगा, हाउस में प्रस्ताव पास होगा, तभी वहां निगम सड़कें बना सकता है। दैनिक जागरण के पास अब तक निगम की हो चुकी दोनों बैठकों के एजेंडे हैं, जिनमें राजिदरा एस्टेट को निगम को हैंड ओवर करने या वहां सड़कें बनाने का कोई प्रस्ताव शामिल नहीं है।


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