नौकरी से छुट्टी लेकर कपड़े लेने आ रहे थे घर, कफन में लिपटे पहुंचे
मोगा गांव बुटटर कलां में पास बुधवार को दो मोटरसाइकिलों की टक्कर में तीन लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में मारे गए दो दोस्त जगजीत सिंह व चरणजीत सिंह दो महीने पहले ही लेबनान से लौटे थे। दोनों ने अपने ही देश में बसने का फैसला कर लुधियाना में नौकरी करने का फैसला लिया था। 15 दिन पहले लुधियाना में नौकरी भी हासिल कर ली थी।
राज कुमार राजू, मोगा
गांव बुटटर कलां में पास बुधवार को दो मोटरसाइकिलों की टक्कर में तीन लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में मारे गए दो दोस्त जगजीत सिंह व चरणजीत सिंह दो महीने पहले ही लेबनान से लौटे थे। दोनों ने अपने ही देश में बसने का फैसला कर लुधियाना में नौकरी करने का फैसला लिया था। 15 दिन पहले लुधियाना में नौकरी भी हासिल कर ली थी। बुधवार को दोनों दोस्त मोटरसाइकिल से घर से कपड़े लेने आ रहे थे, लेकिन रास्ते में हादसे के बाद कफन में लिपटकर घर पहुंचे। इस दर्दनाक हादसे ने जहां क्षेत्र ने लोगों को झकझोर दिया है, वहीं तीन परिवारों की खुशियां छीन लीं।
हादसे में मरने वाले चरणजीत सिंह की बात करें तो वह अपने घर में दो बहनों का इकलौता भाई था। उसकी मौत से जहां माता-पिता सदमे में हैं। वहीं मृतक के रिश्तेदारों व अन्य लोगों का कहना है कि काश वे गांव दो दिन बाद आते, तो यह हादसा न होता ।
गांव राऊके निवासी गुरमीत सिंह पुत्र चमकौर सिंह के दो बेटे हैं। छोटा बेटा अर्पण सिंह वालीबाल का खिलाड़ी है। उनका वीरवार को लुधियाना में मैच होना था। जिसको लेकर गुरमीत सिंह अर्पण के दोस्त ओंकार सिंह पुत्र पप्पू सिंह को लेकर मोटरसाइकिल पर अजीतवाल उनके साथियों के पास छोड़ने के लिए जा रहा था। जहां से दोनों लड़कों को वीरवार सुबह लुधियाना के लिए रवाना होना था। गुरमीत सिंह जब मद्दोके-बुट्टरकलां रोड पर पहुंचा, तो सामने से तेज गति से आ रही मोटरसाइकिल से उसकी टक्कर हो गई।
इस दौरान सामने से आए मोटरसाइकिल पर 24 वर्षीय जगजीत सिंह पुत्र चमकौर सिंह व 24 वर्षीय चरणजीत सिंह पुत्र दर्शन सिंह निवासी बुट्टरकलां समेत पांचों घायल हो गए। सभी घायलों को एंबुलेंस 108 के सहयोग से मोगा सिविल अस्पताल में लाया गया था। जहां डाक्टरों ने गुरमीत सिंह, जगजीत सिंह व चरणजीत सिंह को मृत घोषित कर दिया था।
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दादी का पड़ेगा 27 को भोग
सड़क हादसे के मृतक गुरमीत सिंह के पिता चमकौर सिंह पंजाब पुलिस में थानेदार थे। जिनकी करीब तीन वर्ष पहले मौत हो चुकी है। वहीं दादी दलीप कौर जिनका गत दिनों देहांत हो गया था, के निमित रखे गए पाठ का भोग 27 दिसंबर को गांव में पड़ने वाला है। ऐसे में गुरमीत सिंह के परिवार पर होनी के कहर से सभी रिश्तेदार अवाक हैं।
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24 जनवरी को होनी थी जगजीत सिंह की शादी
सिविल अस्पताल में मृतक जगजीत सिंह के ताया के बेटे दर्शन सिंह ने बताया कि जगजीत सिंह तीन भाई होने समेत परिवार में सबसे बड़ा था। जिसकी डेढ़ महीने पहले लुधियाना में मंगनी हुई थी तथा आगामी 24 जनवरी को पिता धूमधाम से शादी करने की तैयारी कर रहा था। मगर, वाहेगुरु को कुछ और ही मंजूर था । घर में खुशियों की जगह मातम छाने पर पूरे गांव शोक है।
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दो बहनों का था इकलौता भाई था चरणजीत
मृतक चरणजीत सिंह दो बहनों का इकलौता भाई था। बुजुर्ग पिता दर्शन सिंह अपने बच्चों का पालन-पोषण करने के साथ दो बेटियों की शादी करके अब इकलौते बेटे के लैबनान से लौटने के बाद सुखद जीवन व्यतीत करने की आस लगाए बैठे थे। पिता दर्शन सिंह ने बताया कि चरणजीत सिंह व उसका दोस्त दोनों तीन महीने पहले लैबनान से लौटे थे। वे लुधियाना में एक मोटरसाइकिल एंजेंसी में काम करने लगे थे। जिसको लेकर वह 15 दिनों के बाद घर से कपडे़ लेने के लिए आ रहे थे। मगर, कफन में लिपटकर विदा हुए।