चित्रों में रंगीन सपने बुनने वाली आंखों ने दिखाया साथियों को आइना
चित्रों में रंगीन सपने बुनने वाली आंखों ने कब प्रकृति को अंगीकार कर लिया पता ही नहीं चला।
सत्येन ओझा, मोगा
चित्रों में रंगीन सपने बुनने वाली आंखों ने कब प्रकृति को अंगीकार कर लिया पता ही नहीं चला। पिछले चार सालों से साइकिलिग कर रहे शहर के 55 वर्षीय प्रमुख प्रोफेशनल फोटोग्राफर संजीव शर्मा देखने में जरूर कुछ मोटे लगते हैं, लेकिन उनकी एक्टिवनेस आज के युवाअको मात देती है। संजीव शर्मा इसका बड़ा कारण साइकिलिग को मानते हैं वे प्रतिदिन औसतन सुबह 8-10 किलोमीटर तक साइकिलिग करते हैं।
संडे को ये सफर 25 किलोमीटर तक भी हो जाता है। लॉकडाउन में भी उनका ये सफर जारी रहा था, उनकी प्रेरणा से अब शहर के कई प्रोफेशनल्स भी साइकिलिग की राह पर चल पड़े हैं। संजीव शर्मा का कहना है कि वे पिछले चार सालों से साइक्लिग कर रहे हैं, साइक्लिग ने उनकी पूरी जिदगी ही बदल दी है।
फोटोग्राफी के कारोबार में हर दिन 12 से 14 घंटे व्यस्त रहने के कारण ज्यादा समय बैठना पड़ता था, मोटापा भी था, जिससे कई बार लेजीनेस फील होती थी,लेकिन चार साल पहले उन्होंने मॉनिल्ग वॉक की बजाय साइकिलिग का फैसला लिया। जिस दिन से उन्होंने साइकिलिग शुरू की है एक अलग ही ताजगी महसूस कर रहे हैं। लायंस क्लब एवं शहर की अन्य समाजसेवी संस्थाओं में भी संजीव शर्मा सक्रिय भूमिका निभाते हैं, हर कार्यक्रम में उनके अपने साथियों की तुलना में सक्रियता आज के युवाओं को भी मात दे जाती है। संजीव शर्मा कहते हैं कि पूरा साइकिलिग के कारण पूरा दिन ताजगी से भरा रहता है।
संजीव शर्मा की एक्टिवनेस को देख अब ऑटो पार्ट्स का व्यवसाय करने वाले कशिश बुद्धिराजा, ग्रेट पंजाब प्रिटर्स के एमडी नवीन सिगला, राइटवे एयरलिक्स के डायरेक्टर देवप्रिय त्यागी, होटल व्यवसायी बनबारी लाल ढींगड़ा ने भी अब मॉर्निंग वॉक के स्थान पर साइक्लिग को प्राथमिकता दी है। बनबारी लाल ढींगड़ा को साइकिलिग के शुरुआती दिन इतने अच्छे महसूस हुए कि उन्होंने लॉकडाउन के दिनों में लॉक खुलवाकर साइकिल खरीदी अब सुबह उनकी साइक्लिग के साथ ही शुरू होती है।