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मरीजों को संतुष्ट नही कर पा रहा सेहत विभाग

मोगा : केंद्र सरकार द्वारा हर साल सीआरएम (कॉमन रिव्यू मिशन) के अंतर्गत राज्य के दो जिलों में टीम भेजकर निरीक्षण करवाया जाता है। इस दौरान टीम जिले के सिविल अस्पताल समेत गांवो में बने पीएचसी व सीएचसी में जाकर देखती है कि लोगों को सरकार द्वारा दी जा रही सेहत सुविधाएं वाक्य में लोगों तक पहुंच रहीं हैं या फिर नहीं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 04:16 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 04:16 PM (IST)
मरीजों को संतुष्ट नही कर पा रहा सेहत विभाग
मरीजों को संतुष्ट नही कर पा रहा सेहत विभाग

रोहित शर्मा, मोगा : केंद्र सरकार द्वारा हर साल सीआरएम (कॉमन रिव्यू मिशन) के अंतर्गत राज्य के दो जिलों में टीम भेजकर निरीक्षण करवाया जाता है। इस दौरान टीम जिले के सिविल अस्पताल समेत गांवो में बने पीएचसी व सीएचसी में जाकर देखती है कि लोगों को सरकार द्वारा दी जा रही सेहत सुविधाएं वाक्य में लोगों तक पहुंच रहीं हैं या फिर नहीं।

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इस बार केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के गुरदासपुर और मोगा जिले का सीआरएम करवाया गया। इस दौरान टीम ने सिविल अस्पताल समेत जिले के ब्लाकों में जाकर पाया कि नियमों के मुताबिक सेहत विभाग द्वारा बहुत से गतिविधियों को पूरा नही किया जा रहा है। खास तौर पर पाया गया कि आरकेएस (रोगी कल्याण समिति) जिसका काम मरीजों को उपचार के साथ-साथ सरकारी सुविधाओं से संतुष्ट करना होता है, वह भी महज खानापूर्ति तक ही सीमित है। शहर को छोड़ अर्बन इलाके में सेहत विभाग द्वारा एमएएक्स (महिला आरोग्य समिति) बनाई जाती है, जिनका काम महिलाओं को उनकी सेहत के प्रति जागरूक करना और उन्हें सरकारी सुविधाओं से अवगत करवाने समेत कुल 12 प्रकार के काम करने होते है, लेकिन टीम ने रिपोर्ट में लिखा है कि बुट्टर में एमएएक्स के स्टाफ को यही पता नही है कि उन्हें काम क्या करना है। सिविल अस्पताल में नही बना स्टाप सैंटर

केंद्रीय टीम ने रिपोर्ट में लिखा है कि जिले के हरेक सिविल अस्पताल में सेहत विभाग को स्टाफ सैंटर बनाना होता है। अगर कोई भी महिला किसी जाति भेदभाव या फिर अपने परिवारिक विवाद के कारण परेशान होकर अस्पताल आती है तो वह स्टाप सेंटर में रूक सकती है, लेकिन सिविल अस्पताल मोगा में तो विभाग ने स्टाप सैंटर ही नही बनाया, जबकि गुरदासपुर के सिविल अस्पताल में स्टाप सैंटर बना हुआ है। इसके अलावा सिविल अस्पताल के निरीक्षण दौरान टीम ने रिपोर्ट में लिखा कि अस्पताल में न तो पूरी दवाईयां उपलब्ध है और न ही मरीजों को ठीक ढंग से टेस्ट किए जा रहें हैं। आठ सदस्यीय टीम ने किया निरीक्षण

अधिकारिक जानकारी के अनुसार केंद्र की ओर से आठ डाक्टरों की टीम को छह सितंबर के दिन मोगा में सेहत सुविधाओं का निरीक्षण करने के लिए भेजा गया था। उक्त टीम में डॉ. जेएस ठाकुर, डॉ. भारत जैसलपुरा, डॉ. पूजा कपूर, डॉ. विकास मदान, डॉ. अनु चौपड़ा, डॉ. नेहा शर्मा, मनीश सक्सेना और साहिल चौपड़ा शामिल थे। आठ सदस्यीय इस टीम ने छह सितंबर से लेकर 11 सितंबर तक मोगा जिले में मरीजों को दी जा रही सेहत सुविधाओं का निरीक्षण किया। फंड तो लिए लेकिन परिणाम नहीं

टीम ने निरीक्षण दौरान पाया कि सेहत विभाग मोगा की ओर से विभिन्न सरकारी गतिविधियों के लिए सरकार से समय समय पर फंड तो हासिल किए लेकिन इसके एवज में बेहतर परिणाम नही आ सके। लोगों को जागरूक करने के लिए गावों में बनाई गई पेंडू सेहत सफाई व पोषण कमेटी समय समय पर फंड तो ले रही है, लेकिन न तो कमेटी द्वारा लोगों को उनकी सेहत, सफाई व खानपान के प्रति जागरूक किया जा रहा है और न ही नियमों के मुताबिक गांव के सरपंच को साथ लेकर मासिक बैठक की जा रही है। फोटो-7

स्टाप सेंटर के लिए जगह चयनित हो चुकी है : सीएमओ

सीएमओ डॉ. सुशील जैन का कहना है कि सिविल अस्पताल के निरीक्षण दौरान पाई गई कमियों के लिए एसएमओ डॉ. राजेश अत्री जवाबदेह हैं। वहीं उन्होंने कहा कि अस्पताल में स्टाप सेंटर बनाने के लिए जगह का चयन हो चुका है और जल्द ही स्टाप सेंटर बन भी जाएगा।


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