असुरक्षित इमारत में चल रहा है सिटी साउथ थाना
जागरण संवाददाता, मोगा पुलिस लाइन के लिए शहर की आइटीआइ इमारत में गुजारा करने को मजबूर
जागरण संवाददाता, मोगा
पुलिस लाइन के लिए शहर की आइटीआइ इमारत में गुजारा करने को मजबूर मोगा पुलिस सुविधाओं के मामले में अन्य जिलों की पुलिस से पिछड़ी हुई है। थाना सिटी साउथ पर शहर के करीब 75 हजार लोगों की सुरक्षा का जिम्मा है, लेकिन इस समय थाने में काम करने वाले थाना प्रभारी व उनकी टीम असुरक्षित इमारत में काम करने को मजबूर है। बारिश के दिनों में थाने के स्टाफ को थाने की छतों के नीचे भी छाते लेकर बैठना पड़ता है। अनसेफ इमारत में थाना चलाने को मजबूर पुलिस किसी भी समय किसी बड़े हादसे का शिकार हो सकती है। इस थाने को तबदली करने का फरमान डीसी कार्यालय से जारी हो चुका है, चूंकि जिस इमारत में ये थाना स्थापित किया गया है, वह थाना एक स्कूल संस्था का है, जो मुख्यमंत्री के साथ थाने से इमारत को खाली करवाने की गुहार लगा चुके हैं। थाने को शिफ्ट करने का मामला पहले भी दो बार उठ चुका है, लेकिन जगह न मिलने से थाने को शिफ्ट करने का मामला हर बार अधर में लटक कर रह जाता है।
12 साल पहले खस्ता हाल इमारत में स्थापित हुआ था थाना
जानकारी के अनुसार 12 साल पहले तक सिटी साउथ थाना शहर के मेन बाजार के पास स्थित देव होटल के पास एक निजी इमारत में था। कुछ कारणों के चलते पुलिस को इमारत खाली करनी पड़ी और सिविल अस्पताल के पीछे स्थित आर्य मॉडल स्कूल संस्था की वर्षों से खाली पड़ी इमारत में थाना बना दिया गया। थाना स्थापित करने के लिए इमारत के मालिकों से अनुमति लेना पुलिस ने उस समय जरूरी नहीं समझा। 12 सालों से सिटी साउथ थाना ने इमारत के मालिक को न तो कोई किराया दिया है और न ही इमारत को दुरुस्त रखने के लिए कोई मरम्मत की है। थाने के सभी कमरों की छतों का लेंटर करीब आधा गिर चुका है।
पटवार खाने की जगह नहीं आई पसंद
सिटी साउथ थाना प्रभारी दिलबाग ¨सह ने बताया कि शहर को दो हिस्सों में वह थाने के लिए जगह का चयन कर चुके हैं, लेकिन इसे वह अपनी इच्छा से हासिल नहीं सक सकते। डीसी के आदेशों पर ही संबंधित जमीन थाने के लिए उन्हें मिल सकती है। शहर के पटवार खाने में जगह है, लेकिन हालात थाने के अनुकूल नहीं हैं।
हाउस में पास नहीं हो सकता प्रस्ताव
सीनियर डिप्टी मेयर अनिल बांसल का कहना है कि पुलिस अपनी सुविधा के लिए कुछ भी सोचती रहे, लेकिन कम्यूनिटी सेंटर की इमारत को थाने के लिए देने से पहले जानरल हाउस की बैठक में प्रस्ताव पारित करवाना होगा, जिस पर हाउस की सहमति बनाया जाना संभव नहीं है। निगम कम्यूनिटी सेंटर को कई अन्य सुविधाओं के लिए प्रयोग सकता है, लेकिन थाने के लिए इमारत को दिए जाने के बाद निगम कभी भी इस इमारत को खाली नहीं करवा सकेगा। यदि पुलिस निगम से सहायता चाहती है तो बेगोआणा के कम्यूनिटी सेंटर के पास खाली पड़ी जमीन को निगम हाउस की अनुमति दे सकती है, लेकिन इस पर इमारत बनाने का खर्च पुलिस को खुद उठाना होगा।