सीआइए स्टाफ पुलिस पहुंची रविदर की फैक्ट्री, ताला लगा मिला
मोगा जहरीली शराब के तार मोगा से जुड़ जाने के बाद स्थानीय पुलिस हरकत में तो आई है लेकिन अधिकारियों के आपसी तालमेल में गंभीरता नहीं दिखी।
जागरण संवाददाता, मोगा
जहरीली शराब के तार मोगा से जुड़ जाने के बाद स्थानीय पुलिस हरकत में तो आई है, लेकिन अधिकारियों के आपसी तालमेल में गंभीरता नहीं दिखी। सीआइए स्टाफ पुलिस मंगलवार सुबह इस मामले में आरोपित रविदर आनंद की फोकल प्वाइंट स्थित फैक्ट्री में पहुंची थी। मगर, फैक्ट्री में ताले लगे होने के कारण पुलिस बाहर से लौट गई। इसकी पुष्टि सीआइए स्टाफ प्रभारी इंस्पेक्टर त्रिलोचन सिंह ने की है। वहीं डीएसपी सिटी बरजिदर सिंह भुल्लर का कहना है कि मोगा पुलिस ने इस मामले में न तो कहीं रेड की है और न ही किसी को हिरासत में लिया है।
बता दें कि रविंदर सिंह आनंद द्वारा खरीदे स्पीरिट के ड्रम तरनतारन में जाकर मोगा के प्रॉपर्टी डीलर अवतार सिंह ने सप्लाई किए थे। अवतार सिंह तीन दिन पहले ही सुबह तड़के लगभग पांच बजे घर से कपड़े आदि जरूरी सामान लेकर फरार हो गया था। बाद में परिवार के दूसरे लोग भी चले गए थे। अब अहाता बदन सिंह स्थित उसके घर में ताला लगा हुआ है।
पूरे मामले में आरोपित रविदर आनंद शहर के प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार से संबंधित बताया जा रहा है। उनके एक भाई नगर निगम में भी प्रतिनिधि रह चुके हैं। हाल ही में उन्होंने सैनिटाइजर बनाने का काम शुरू किया था। वहीं स्पीरिट के ड्रम सप्लाई करने का आरोपित अवतार सिंह मूल रूप से तरनतारन का ही रहने वाला है। वह मोगा में पिछले 18-19 सालों से रहा रहा है।अवतार सिंह जिस घर में किराये पर रहता है, वहीं रहने वाले एक अन्य किरायेदार ने पुष्टि की है कि अवतार सिंह तीन दिन पहले ही घर से जा चुका है, वह पिछले कुछ दिनों से काफी परेशान दिख रहा था। हालांकि 19 साल से उक्त जगह पर रहने के दौरान भी उसका आसपास के लोगों से ज्यादा घुलना-मिलना नहीं था।
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ये हैं शहर के अवैध शराब के बड़े अड्डे
पुली वाला मोहल्ला, बेरियां वाला मोहल्ला, बस्ती मोहन सिंह, बस्ती बहादुर सिंह, बस्ती सादांवाली, विश्वकर्मा नगर, इंदिरा कॉलोनी, रेलवे की प्लेटी, झुग्गियों के निकट।
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जुंडेपट शराब लॉकडाउन में भी खूब बिकी
शहर के बग्गेयाना बस्ती में जुंडेपट नामक लॉकल ब्रांड की देसी शराब उन दिनों में खूब पियक्कड़ों में चर्चित रही थी, जब लॉकडाउन के दिनों में शराब की दुकानें बंद थीं। जुंडेपट नामक शराब की बोतलें ठेके से नहीं मिलती हैं। कुछ खास बस्तियों में कुछ खास लोग थैले में रखकर इस ब्रांड की शराब बेचते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में भी जुंडेपट शराब काफी लोकप्रिय है। सूत्रों का कहना है कि इस देसी शराब में नशा बढ़ाने के लिए मेडिकल ड्रग्स में प्रयोग होने वाली दवाएं भी मिलाई जाती हैं। ये नशा ज्यादा करती है, यही वजह लोगों में पापुलर हो रही है।