व्यावसायिक कोर्सो की सांसों पर जिदा हैं शहर के डिग्री कॉलेज
शहर के दोनों प्रमुख कॉलेज डीएम कॉलेज व एसडी कॉलेज फॉर गर्ल्स जहां पांच-छह साल पहले ट्रेडीशनल कोर्सेज में एडमीशन के लिए एमएलए एमपी व बड़ी हस्तियों से सिफारिशें डलवाते थे।
सत्येन ओझा, मोगा : शहर के दोनों प्रमुख कॉलेज डीएम कॉलेज व एसडी कॉलेज फॉर गर्ल्स जहां पांच-छह साल पहले ट्रेडीशनल कोर्सेज में एडमीशन के लिए एमएलए, एमपी व बड़ी हस्तियों से सिफारिशें डलवाते थे। अब पूरा परिदृश्य बदल गया है। दोनों कॉलेज में अब बच्चों का इंतजार है। हालांकि, बॉकॉम ने दोनों कॉलेजों में उम्मीद बाकी रखी है, डीएम कॉलेज में बीकॉम की सीटें फुल हो चुकी हैं। 10 सीटें और बढ़ाने की यूनीवर्सिटी को डिमांड भेजी गई है, जबकि एसडी कॉलेज में सीटें फुल होने वाली हैं। बीए व साइंस वर्ग में एक-एक क्लास पूरी होती नजर नहीं आ रही है। ये स्थिति तब है जब पीयू से संबंधित दोनों कॉलेजों में एक अगस्त से कक्षाएं शुरू हो रही है।
बदलते हालातों को भांपते हुए एसडी कॉलेज फॉर गर्ल्स ने बैचलर ऑफ वोकेशनल में हॉस्पिटल मैनेजमेंट एंड एडमिनिस्ट्रेशन में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा व डिग्री कोर्स के अलावा फैशन डिजाइनिग, इंटीरियर डिजायनिग, कॉस्मोटोलॉजी, नेल आर्ट, मेहंदी आर्ट आदि में यूनीवर्सिटी से मान्यता प्राप्त कोर्स शुरू किए हैं, ट्रेडीशनल डिग्री कोर्स की तुलना में शॉर्ट टर्म इन व्यावसायिक कोर्सेज में छात्राओं का रुझान कुछ दिख रहा है, इन्हीं कोर्सेस के बल पर उम्मीदें टिकटी जा रही हैं। प्रिसिपल डॉ. पलविदर कौर के अनुसार महिलाओं के लिए छह महीने का टेलरिग व सिलाई का कोर्स भी शुरू किया गया है।
क्वालिटी और मार्केटिग मैनेजमेंट छात्राएं बना सकती हैं अपना भविष्य: डॉ.राधिका
एसडी कॉलेज में बीवॉक की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.राधिका का कहना है कि इसमें एक साल के सर्टिफिकेशन कोर्स से लेकर तीन साल का डिग्री कोर्स तक उपलब्ध है। कोर्स करने के बाद छात्राएं हेल्थ डिपार्टमेंट में हॉस्पिटल मैनेजमेंट, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, ऑपरेशन मैनेजमेंट, क्वालिटी मैनेजमेंट, मार्केटिग मैनेजमेंट में अपना भविष्य बना सकती हैं। बड़े हॉस्पिटलों में स्किल्ड प्रोफेशल्स की काफी डिमांड है। एसडी कॉलेज में इस कोर्स के लिए यूनीवर्सिटी ने 50 सीटें अलॉट की हैं, जिनके लिए इस समय प्रवेश जारी है।
कोट्स
बॉकाम में ही बच्चे ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं, लेकिन बीए व बीएससी में एडमिशन की गति काफी धीमी है। हर कॉलेज में यही हाल है।
डॉ.एसके शर्मा, प्रिसिपल डीएम कॉलेज
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