सोने की बढ़ी कीमत से फीकी पड़ी सर्राफा बाजार की चमक
जीएसटी के बाद मंदी के दौर में आया शहर के सर्राफा बाजार की चमक इन दिनों सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के चलते फीकी पढ़ गई है।
कंचन ग्रोवर, मोगा : जीएसटी के बाद मंदी के दौर में आया शहर के सर्राफा बाजार की चमक इन दिनों सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के चलते फीकी पढ़ गई है। सर्राफा व्यवसायियों का कहना है कि आम तौर पर अक्टूबर-नवंबर से शुरू होने वाली शादियों को देखते हुए अगस्त महीने से ज्वैलरी का कारोबार परवान चढ़ने लगता था, इस बार तो पूरे बाजार में ही सन्नाटा छाया हुआ है। पिछले सालों की तुलना में बाजार में 24 से लेकर 40 प्रतिशत बिजनेस में गिरावट आई है।
लक्ष्मी ज्वैलर्स के युवा सर्राफा व्यापारी वरुण भल्ला का कहना है कि आम तौर पर जून-जुलाई की मंदी के बाद अगस्त महीने से सोने के जेवरातों की खरीददारी व शादियों के लिए ज्वैलरी बनवाने के लिए ग्राहकों का आना शुरू हो जाता था। इस बार तो अभी तक रूटीन के ग्राहक भी बाजार में नहीं पहुंच रहे हैं। सोने की कीमत मोगा के बाजार में 38 हजार रुपये को पार कर चुकी है, ऐसे में ग्राहक ज्वैलरी खरीदने की हिम्मत ही नहीं जुटा पा रहा है। पिछले साल की तुलना में 25 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट आई है।
एनआरआइज के सहारे चलता था कारोबार : सोनू
कृष्णा ज्वैलर्स के सोनू करवल का कहना है कि जीएसटी के बाद सर्राफा बाजार में गिरावट आई थी, कीमतों में बढ़ोतरी के बाद तो सराफा बाजार में इस समय पूरी तरह सन्नाटा छा गया है। उनका कहना है कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही मोगा का बाजार एनआरआइज के सहारे चलता है, लेकिन नशे के बढ़ने से आपराधिक घटनाओं ने इस कदर एनआरआइ को भयभीत कर दिया कि यहां एनआरआई नहीं आ रहे हैं। मंदी की एक बड़ी वजह ये भी है। पहली बार आई इतनी ज्यादा मंदी : बलबीर
सर्राफा बाजार एसोसिएशन के अध्यक्ष बलबीर सिंह रामूवालिया का कहना है कि सर्राफा बाजार में जितनी मंदी इस समय आई है, अब तक के इतिहास में इतनी मंदी पहले कभी नहीं देखी गई। सर्राफा बाजार में रुटीन के ग्राहकों के आने का सिलसिला कभी बंद नहीं होता था, इस बार तो बिल्कुल ही बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है।
महिलाओं की खरीद से बाहर हुआ सोना : रिपी शर्मा
महिला रिपी शर्मा का कहना है कि बाजार में जिस प्रकार से सोने की कीमतों में तेजी आई है, अब तो कोई ज्वैलरी खरीदने के बारे में सोचना भी सपने जैसा है, सही मायने में आम महिलाओं के वश से बाहर होता जा रहा है सोना।