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निराशा से नहीं उबर पा रही भाजपा, एक और चेहरा शिअद में आने से पलड़ा भारी

मोगा भाजपा में निराशा का माहौल थम नहीं पा रहा है जबकि गठबंधन टूटने के बाद भाजपा को अपनी पहचान बनाने का बड़ा मौका था। इस मौके को कैश करने की बजाय पार्टी में निराशा का माहौल देखने को मिल रहा है। किसान आंदोलन ने पार्टी को दोराहे पर ला दिया है। इसके चलते भाजपा में तेजी के साथ उभरता एक और बड़ा चेहरा देवप्रिय त्यागी अकाली दल की तराजू पर चढ़ गया। हालांकि त्यागी के पास पार्टी में कोई बड़ा पद नहीं था लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि से निकले त्यागी लगातार भाजपा की हर गतिविधि में सक्रिय थे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 10:37 PM (IST)Updated: Wed, 16 Dec 2020 07:29 AM (IST)
निराशा से नहीं उबर पा रही भाजपा, एक और चेहरा शिअद में आने से पलड़ा भारी
निराशा से नहीं उबर पा रही भाजपा, एक और चेहरा शिअद में आने से पलड़ा भारी

सत्येन ओझा, मोगा

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भाजपा में निराशा का माहौल थम नहीं पा रहा है, जबकि गठबंधन टूटने के बाद भाजपा को अपनी पहचान बनाने का बड़ा मौका था। इस मौके को कैश करने की बजाय पार्टी में निराशा का माहौल देखने को मिल रहा है। किसान आंदोलन ने पार्टी को दोराहे पर ला दिया है। इसके चलते भाजपा में तेजी के साथ उभरता एक और बड़ा चेहरा देवप्रिय त्यागी अकाली दल की तराजू पर चढ़ गया। हालांकि त्यागी के पास पार्टी में कोई बड़ा पद नहीं था, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि से निकले त्यागी लगातार भाजपा की हर गतिविधि में सक्रिय थे।

इससे पहले भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी त्रिलोचन सिंह गिल, महामंत्री सरदूल सिंह कंग, जिला उपाध्यक्ष सतनाम सिंह, जिला उपाध्यक्ष पवन बंटी (निहाल सिंह वाला) पार्टी को अलविदा कह चुके हैं।

गौरतलब है कि जिले में शहरी विधानसभा सीट हिदू बहुल सीट है। अकाली दल के साथ गठबंधन में रहते हुए भाजपा पिछले 20 साल से मोगा विधानसभा सीट भाजपा को देने की मांग करती आ रही थी। मगर, गठबंधन में रहते हुए भाजपा को शहरी सीट तो दूर नगर निगम में मेयर का पद भी नहीं मिल पा रहा था। सीनियर डिप्टी मेयर के पद से ही अकाली दल भाजपा नेतृत्व को संतुष्ट करता रहा था। गठबंधन टूटने के बाद जब भाजपा को अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने का मौका मिला, तो पार्टी इस मौके को कैश कर पाने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है। इसके बाद कई पदाधिकारी भाजपा छोड़ शिअद में शामिल हो गए।

देवप्रिय त्यागी पर अकाली दल की नजर काफी समय से थी। गठबंधन टूटने के बाद अकाली दल शहर में किसी बड़े हिदू चेहरे की तलाश में था। इसके लिए संघ परिवार से जुड़े डा. सीमांत गर्ग व देवप्रिय त्यागी पर अकाली दल के नेता काफी समय से डोरे डाल रहे थे। डा. सीमांत गर्ग पर अकाली दल का तमाम प्रयास के बाद वश नहीं चला, लेकिन देवप्रिय त्यागी के साथ कई दौर की बैठकों के बाद अकाली दल उन्हें अपने पक्ष में करने में सफल रहा। त्यागी के अकाली दल में शामिल होने की औपचारिक घोषणा बुधवार को जाएगी। त्यागी ने हालांकि अभी ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं दी, इतना कहा है कि जल्द सब कुछ सामने होगा।

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तीन साल में आफिस तक नहीं बना पाई भाजपा

भाजपा सूत्रों का कहना है कि जिला पार्टी प्रदेश नेतृत्व व केंद्रीय नेतृत्व से जिला आफिस बनाने के लिए पिछले तीन साल से लगातार आफिस की प्लानिग मांग रहा है, ताकि उसे अत्याधुनिक सुविधा युक्त पार्टी आफिस बनाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व फंड उपलब्ध करा सके। पार्टी ने तीन साल पहले साल 2017 में दुन्नेके में आफिस के लिए एक पुरानी बिल्डिंग तो खरीद ली है, लेकिन आज तक उसे न तो आफिस का रूप दे सकी है और न ही केंद्रीय नेतृत्व को आफिस की प्लानिग अभी तक भेजी गई है।

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संकट का दौर : विनय शर्मा

जिला भाजपा अध्यक्ष विनय शर्मा का कहना है कि पार्टी के लिए यह संकट का दौर है। मगर, इस संकट से भाजपा मजबूत होकर निकलेगी। किसी के आने से भाजपा कमजोर नहीं होगी, लेकिन संकट के इस दौर में जो पार्टी के साथ हैं, उन्हें निश्चित रूप से आने वाले समय में सम्मान मिलेगा।

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अच्छे मुहूर्त में होगी घोषणा

अकाली दल के हलका प्रभारी बरजिदर सिंह बराड़ ने कहा कि शिअद में अगर कोई आना चाहता है, तो सबका स्वागत है। देवप्रिय त्यागी के बारे में अच्छे मुहूर्त में जल्द अच्छी घोषणा कर दी जाएगी। त्यागी अच्छे व्यक्ति हैं।


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