कोरोना को हराना है: स्काइप से योगाभ्यास कराएंगी आशा अरोड़ा
। चुनौतियां जितनी बड़ी होती हैं मन में कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो समाधान भी उतना ही आसान निकल आता है।
तरलोक नरूला, मोगा
चुनौतियां जितनी बड़ी होती हैं, मन में कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो समाधान भी उतना ही आसान निकल आता है। कोरोना वायरस के चलते बने हालातों के बीच जब 14 साल से चल रहीं योग कक्षाएं बंद हो गईं तो योग शिक्षिका आशा अरोड़ा ने टेक्नोलॉजी का सहारा लिया। अब उनकी योग कक्षाएं स्काइप एप के माध्यम से अगले सप्ताह सोमवार से शुरू हो जाएंगी।
खास बात ये होगी कि इस बार योग कक्षाएं स्कूल में नहीं, बल्कि घर में लगेंगी, योग साधिकाएं भी स्काइप एप के माध्यम से घरों में ही योग कर सकेंगी।
योग शिक्षिका आशा अरोड़ा ने बताया कि योग सेवा साधना की पिछले 13 वर्षों से आर्य स्कूल, एसडी स्कूल आदि में रोजाना महिलाओं के लिए सायं पांच से छह बजे तक कक्षा चल रही थीं। जिसमें रोजाना 50 के करीब योग साधिकाएं भाग लेती थीं। कोरोना वायरस के चलते योग कक्षाएं 21 मार्च के बाद बंद हो गईं। योग शिक्षिका के लिए ये पल बेहद मुश्किल भरे थे। पहले दिन से ही वे इस समस्या के समाधान में जुट गई थीं।
योग शिक्षिका आशा अरोड़ा की इस समस्या का हल कर दिया उनके बेटी सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंकिता ने। बेटी ने योग साधिकाओं का स्काइप एप का एक वीडियो ग्रुप तैयार किया है। अब जल्द ही सभी योग साधिकाओं को आशा गोयल दोबारा से घर बैठकर ही योगाभ्यास कराती दिखेंगी। सोशल डिस्टेंस व होम क्वारंटाइन का भी पालन करेंगी, योगाभ्यास भी जारी रहेगा।
उन्होंने बताया कि प्राणायाम, योग व मेडीटेशन करने से व्यक्ति के अंदर विल पावर बढ़ती है, जिसकी इस समय सबसे ज्यादा जरूरत है। योग से शरीर में सकारात्मक सोच के साथ नई ऊर्जा का संचार भी होता है। जो कोरोना जैसी बीमारी से बचने में मददगार साबित होगा और बीमारी से लड़ने में ताकत प्रदान करेगा।