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Amritpal Singh: अमृतपाल ने मोगा के पते पर कराया था 'वारिस पंजाब दे' का रजिस्ट्रेशन

Amritpal Singh एसएसपी जे एलन चेजियन का कहना है कि इस मामले की उच्च स्तर पर जांच चल रही है। ऐसे में अपने स्तर पर वे कुछ नहीं कह सकते हैं। गुरमीत सिंह बुक्कनवाला अब गिरफ्तार हो चुका है।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaPublished: Tue, 28 Mar 2023 05:47 AM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2023 05:47 AM (IST)
Amritpal Singh: अमृतपाल ने मोगा के पते पर कराया था 'वारिस पंजाब दे' का रजिस्ट्रेशन
Amritpal Singh: अमृतपाल ने मोगा के पते पर कराया था 'वारिस पंजाब दे' का रजिस्ट्रेशन

मोगा, सत्येन ओझा। अलगाववादी अमृतपाल जिले को अपनी गतिविधियों का केंद्र बनाना चाहता था। यही वजह थी कि गायक दीप सिद्धू की संस्था ‘वारिस-पंजाब दे’ के एप में घुसपैठ कर वहां चर्चाओं में हिस्सा लिया। बाद में उसी संस्था से मिली जुली संस्था वारिस पंज-आब-दे के नाम से अपन संस्था का नए सिरे से रजिस्ट्रेशन करा लिया था। खुफिया सूत्रों की मानें तो अमृतपाल इस एनजीओ के माध्यम से युवाओं को अपने साथ जोड़कर बाद में उन्हें अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए तैयार करना था।

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दुन्नेके पते पर कराया था रजिस्ट्रेशन

एसएसपी जे एलन चेजियन का कहना है कि इस मामले की उच्च स्तर पर जांच चल रही है। ऐसे में अपने स्तर पर वे कुछ नहीं कह सकते हैं। अलगाववादी खालीस्तान समर्थक भगोड़ा अमृतपाल ने अपनी एनजीओ के रजिस्ट्रेशन में दुन्नेके स्थित गुरमीत सिंह बुक्कनवाला के गुरुनानक फर्नीचर का पता दिया था। गुरमीत सिंह बुक्कनवाला अब गिरफ्तार हो चुका है। उस पर एनएसए लगने के साथ ही असम की डिब्रूगढ़ जेल में भेज दिया गया है। गुरमीत सिंह का नाम उस समय भी चर्चा में आया था, जब अमृतपाल ने अजनाला थाने पर हमला किया था। उस दिन गुरमीत सिंह बुक्कनवाला वहां पर अमृतपाल के साथ ही थाने पर हमले के दौरान देखा गया था।

असल संस्था के नाम का कराया रजिस्ट्रेशन

पुलिस की मानें तो गायक दीप सिद्धू की फरवरी 2022 में सड़क हादसे में हुई मौत के बाद अलगाववादी भगोड़ा अमृतपाल ने नए सिरे से दीप सिद्धू की संस्था के असल नाम वारिस पंजाब के नाम से एनजीओ का रजिस्ट्रेशन करा लिया था। इस बार रजिस्ट्रेशन में पता तलवाड़ा (अमलोह) जिला फतेहगढ़ साहिब दर्ज करा लिया था। अमृतपाल की पूरी कोशिश दीप सिद्धू की प्रसिद्धि को कैश करने की थी। यही वजह है कि इसी संस्था को उसने समाजसेवी संस्था के रूप में पेश किया था। दावा किया गया था कि ये एनजीओ नशा मुक्ति, शिक्षा प्रसार प्रचार आदि के लिए काम करेगी, लेकिन समाजसेवी की आड़ में उसके मंसूबे स्वयंभू खालिस्तान के लिए अपनी टीम बनाने का था।

बड़ी कार्रवाई की थी तैयारी

गांव रोडे में वारिस पंजाब दे की दस्तारबंदी के बाद उसने गांव रोडे के अलावा मोगा शहर के निकट गांव सिंघावाला को भी अपना गढ़ बना लिया था, सिंघावाला में उसका रिश्तेदार संदीप सिंह भी रहता है, उसे भी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। अलगाववादी अमृतपाल के इन सभी गढ़ों पर सर्च अभियान चलाकर बड़े पैमाने पर अमृतपाल के समर्थकों की धरपकड़ के लिए बड़े स्तर पर योजना तैयार कर ली थी, इस योजना को 23 मार्च को अंदाम दिया जाना था, इसके लिए पुलिस व पैरामिलट्री फोर्स की टीमें तैयार कर ली गई थीं, लेकिन विधानसभा में मामला उठने के बाद पुलिस ने अपनी रणनीति बदल दी थी।


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