Move to Jagran APP

राजनीति में नई मेयर के लिए आक्रामक विपक्ष का सामना करना होगी बड़ी चुनौती

। वित्त एवं ठेका कमेटी (एफएंडसीसी) के चुनाव को गैर कानूनी बता चुके शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के पार्षद आने वाली दो अगस्त को निगम हाउस की पहली बैठक में 13 मई की बैठक की पुष्टि करेंगे या फिर विरोध करेंगे क्योंकि ये मुद्दा अकाली दल की नाक का सवाल बना हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 10:18 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 10:18 PM (IST)
राजनीति में नई मेयर के लिए आक्रामक  विपक्ष 
का सामना करना होगी बड़ी चुनौती
राजनीति में नई मेयर के लिए आक्रामक विपक्ष का सामना करना होगी बड़ी चुनौती

जागरण संवाददाता.मोगा

loksabha election banner

वित्त एवं ठेका कमेटी (एफएंडसीसी) के चुनाव को गैर कानूनी बता चुके शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के पार्षद आने वाली दो अगस्त को निगम हाउस की पहली बैठक में 13 मई की बैठक की पुष्टि करेंगे या फिर विरोध करेंगे, क्योंकि ये मुद्दा अकाली दल की नाक का सवाल बना हुआ है। 13 मई की बैठक में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव के साथ ही एफएंडसीसी (वित्त एवं ठेका कमेटी) के सदस्यों का चुनाव भी हुआ था। हाउस की बैठक में पूर्व बैठक की पुष्टि की परंपरा रही है। इसी परंपरा के चलते दो अगस्त को होने वाली बैठक के एजेंडे में भी 13 मई की बैठक की पुष्टि का प्रस्ताव है। वहीं राजनीति में नई मेयर नीतिका भल्ला के लिए आक्रामक विपक्ष के सवालों का सामना करना बड़ी चुनौती होगा।

शिअद के हलका प्रभारी बरजिदर सिंह बराड़ मक्खन व पूर्व मेयर अक्षित जैन 15 दिन पहले ही एफएंडसीसी के गठन को अवैध घोषित कर चुके हैं। अब जबकि निगम हाउस की बैठक का एजेंडा जारी होने के बाद बैठक में सिर्फ एक दिन बाकी है, लेकिन अभी तक अकाली दल के पार्षदों की बैठक को लेकर पार्टी की आंतरिक बैठक नहीं हुई है। एजेंडा में अकाली दल के वार्डों से संबंधित विकास के काम शामिल न किए जाने के मुद्दे पर जरूर अकाली पार्षदों ने एक दिन पहले अपने सख्त तेवर दिखाते हुए मेयर नीतिका भल्ला को ज्ञापन सौंपकर मांग की थी कि उनके वार्डों के कामों को भी आउट आफ एजेंडा लाकर शामिल किया जाए। हालांकि इसकी संभावना काफी कम है, क्योंकि एजेंडा में विकास के प्रस्ताव शामिल कराने के लिए पूरी प्रक्रिया अपनानी होती है। पार्षदों को अपने क्षेत्र के कराए जाने वाले विकास के काम इंजीनियरिग विभाग को देने होते हैं। इंजीनियरिग विभाग की टीम मौके पर जाकर संबंधित काम का एस्टीमेट कराती है, तब जाकर उन कामों को एजेंडा में शामिल किया जाता है।

सूत्रों का कहना है कि कई पार्षदों को इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी ही नहीं है। यही वजह है कि ऐसे पार्षदों के वार्ड विकास में पिछड़ जाते हैं, जो पार्षद लगातार अपने क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर सक्रिय रहते हैं, क्षेत्र के विकास के कामों की बैठक से काफी पहले ही इंजीनियरिग विभाग तक पहुंच करने के साथ ही लगातार पैरवी करते रहते हैं वे विपक्ष में होते हुए भी अपने क्षेत्र में काम करा जाते हैं। शुक्रवार को जिन लोगों ने मेयर को ज्ञापन सौंपा था, उनमें से कई तो पार्षद ही नहीं थे, पार्षद उनकी पत्नियां हैं। पार्षद के रूप में कई पार्षद पति अपने हस्ताक्षर करते हैं, जिनकी कानूनी वैधता ही नहीं होती है। ऐसे में अकाली दल या अन्य विपक्षी दल के पार्षद इस मुद्दे पर सदन में सवाल उठाते हैं तो वे खुद ही घिर सकते हैं। कांग्रेस व समर्थक सभी 30 पार्षदों की दो दिन पहले ही बैठक भी हो चुकी है, साथ ही सदन में क्या एक्शन प्लान कांग्रेस के पार्षदों का होगा, इस पर भी गंभीर मंथन हो सकता है।

बैठक में कांग्रेस पार्षद तय कर चुके हैं कि विपक्ष की ओर से जो मुद्दे सदन में आ सकते हैं, उसका किस तरह जबाव दिया जाए। एफएंडसीसी के सदस्यों के मुद्दे पर भले ही अभी अकाली पार्षदों की रणनीति पर कोई बैठक नहीं हुई लेकिन अगर वे इस मुद्दे को उठाते भी हैं, तो उसका ज्यादा असर इसलिए नहीं होगा क्योंकि सत्तापक्ष सदन में पूर्ण बहुमत में हैं। पिछले नगर निगम में सदन की बैठकों में हंगामे की वजह ये रही थी कि उस समय निगम की सत्ताधारी पार्टी दी दो खेमों में बंटी हुई थी।

कांग्रेस के लिए नकारात्मक बात ये रहेगी कि मेयर नीतिका भल्ला नई नहीं है, अभी तक वे मीडिया से सवालों पर भी सीधे सामने नहीं आती हैं। ऐसे में विपक्ष के अनुभवी पार्षदों का सदन में सामना करना उनके लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।

सदन में हर मुद्दे पर कांग्रेस को घेरेंगे: बराड़

अकाली दल के हलका प्रभारी बरजिदर सिंह बराड़ का कहना है कि वे सदन में कांग्रेस को हर मुद्दे पर घेरेंगे। एफएंडसीसी के सदस्यों का चुनाव वैध ही नहीं है, हाउस में उस पर जबाव मांगा जाएगा।

विकास पर आधारित है पूरा एजेंडा: पीना

कांग्रेस के सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीन कुमार पीना का कहना है कि एजेंडा पूरी तरह विकास आधारित है, सभी दलों को सियासत से दूर रहकर शहर के विकास में मदद करनी चाहिए, बड़े प्रोजेक्ट भी पहली बार शामिल हुए हैं, सब कुछ शहर की बेहतरी के लिए है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.