चर्च के बाद केंद्र सरकार की 15 करोड़ की जमीन पर कब्जे का कोशिश
चर्च की 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की जमीन का विवाद अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है कि शहर में ही हाईवे किनारे बस्ती गोबिदगढ़ में केंद्र सरकार की लगभग 15 करोड़ रुपये की दो कनाल तीन मरले जमीन पर कुछ लोगों ने रातों-रात कब्जे की कोशिश की।
जागरण संवाददाता, मोगा : चर्च की
100 करोड़ रुपये से ज्यादा की जमीन का विवाद अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है कि शहर में ही हाईवे किनारे बस्ती गोबिदगढ़ में केंद्र सरकार की लगभग 15 करोड़ रुपये की दो कनाल तीन मरले जमीन पर कुछ लोगों ने रातों-रात कब्जे की कोशिश की। जमीन की दीवार व केंद्र सरकार की ओर से लगाया गया सूचनात्मक बोर्ड ध्वस्त करने वालों ने खाली जमीन पर मिट्टी डलवा दी है, साथ ही पिछले कुछ दिनों में दो कमरे भी बनवा दिए हैं। डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस ने इस मामले में एसडीएम सिटी को जांच सौंपते हुए भरोसा दिया है कि सरकार की जमीन पर किसी को कब्जा नहीं करना दिया जाएगा। इस जमीन पर कब्जे की कोशिश में भी एक राजनीतिक व्यक्ति का नाम सामने आ रहा है।
नगर निगम के वार्ड-3 के पार्षद गुरप्रीत सिंह सचदेवा ने शनिवार रात को लाइव होते हुए केंद्र सरकार की जमीन पर अवैध कब्जे के मामले का पर्दाफाश किया। दो कनाल तीन मरले जमीन की मालिकी पटवारखाने में केंद्र सरकार की है, जमीन पर कब्जा भी केंद्र सरकार का है। जमीन बस्ती गोविदगढ़ में एमडीएएस स्कूल की प्राइमरी ब्रांच से सटी हुई है। पार्षद गुरप्रीत सिंह सचदेवा ने इस मामले में सभी दस्तावेजों के साथ शिकायत डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस से की। ये जमीन डीसी निवास के ठीक सामने सड़क के दूसरी ओर स्थित है। पहले यहां पावरकॉम का बिजली दफ्तर चलता था, लेकिन बिल्डिग कंडम होने के कारण पावरकॉम का दफ्तर यहां से शिफ्ट हो गया। पिछले लगभग 15 सालों से जगह खाली पड़ी हुई है।
इस तरह की गई हेराफेरी
सूत्रों का कहना है कि तहसील के रिकॉर्ड में फर्जी डॉक्यूमेंट का सहारा लेकर जमीन की कस्टडी एक व्यक्ति के नाम दिखाई गई है, बाद में उस व्यक्ति से एक प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्ति के करीबी के नाम पर जमीन के एग्रीमेंट की कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई है, रजिस्ट्री की औपचारिकता जमीन पर कब्जा करने के बाद की जानी थी। इसी उद्देश्य से शुक्रवार को जब चर्च की जमीन का मामला तूल पकड़े हुए था, तो केंद्र सरकार की जमीन पर भी भर्ती के लिए मिट्टी डलवाकर मिस्त्री लगा दिए थे। मिस्त्री अभी जमीन के गेट के बराबर की दीवार ही ध्वस्त कर पाए हैं। इससे पहले ही पूरे मामले का पर्दाफाश होने के बाद फिलहाल कब्जा करने वाले लोगों ने जमीन से दूरी बना ली है। मौके पर एक कमरा भी कुछ महीने पहले ही बनवाया गया है, जिससे साफ है कब्जे की कोशिश के प्रयास पिछले कई महीने से किए जा रहे हैं।
पुलिस को दिए हैं निगरानी के आदेश : एसडीएम
एसडीएम गुरविदर सिंह जौहल ने बताया कि उन्होंने सूचना मिलने के बाद खुद मौका मुआयना किया है, लेकिन मौके पर कब्जे जैसी कोई बात नहीं मिली, दीवार भी टूटी नहीं मिली, फिर भी दोबारा चेक करा लेते हैं। थाना सिटी-1 पुलिस को भी निर्देश दे दिए गए हैं कि वे निरंतर उस जगह पर निगरानी रखें ताकि कोई कब्जा न करने पाय। सोमवार को जगह पर बोर्ड लगवा दिया जाएगा कि ये सरकारी जगह है।