Move to Jagran APP

छुट्टी के दिन भी सरकारी स्कूलों में दाखिला मुहिम रही जारी

सूबे में नं.1 बनकर बढ़ रहे हैं बड़े लक्ष्य की ओर सरकारी स्कूलों की सूरत बदलने लगी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 07:30 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 07:30 PM (IST)
छुट्टी के दिन भी सरकारी स्कूलों में दाखिला मुहिम रही जारी
छुट्टी के दिन भी सरकारी स्कूलों में दाखिला मुहिम रही जारी

फोटो-29

loksabha election banner

सूबे में नं.1 बनकर बढ़ रहे हैं बड़े लक्ष्य की ओर

सरकारी स्कूलों की सूरत बदलने से पैरेंट्स का रुझान भी बढ़ा

जागरण संवाददाता, मोगा :

छुट्टी का दिन हो, और सरकारी मुलाजिम काम कर रहे हों, सामान्य रूम में शायद ही कोई इस पर विश्वास करे, लेकिन कोरोना काल में नए बच्चों के सरकारी स्कूलों में दाखिला कराने के अभियान में जुटे शिक्षा विभाग के अधिकारी दिन भर सक्रिय दिए। मोगा दाखिला मुहिम में पूरे सूबे में नंबर एक का दर्जा हासिल कर चुका है, इसके बावजूद कदम रुकने के काम नहीं ले रहे हैं।

बुधवार को प्रताप रोड पर उप जिला शिक्षा अधिकारी राकेश मक्कड़, सोशल मीडिया प्रभारी हर्ष गोयल, सरकारी हाईस्कूल दशमेश नगर की प्रिसिपल अमनदीप कौर, भीमनगर कैंप स्थित सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के अध्यापक एवं नेशनल रिसोर्ट परसन मेजर प्रदीप, गणित अध्यापक विकास चोपड़ा बच्चों के दाखिला कर रहे थे।

सरकार ने सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए विशेष एप तैयार किया है, इसी एप में प्रास्पेक्टस मौजूद है, हर दिन विभाग शहर में दो स्थानों पर किनौपी लगाकर मौके पर ही बच्चों का दाखिला कराते हैं। सरकार ने ये सुविधा दी है कि अगर किसी बच्चे के पास पूरे डाक्यूमेंट नहीं है, इस आधार पर उसे दाखिले से वंचित न रखा जाय, आधार कार्ड या पैरेंट्स की लिखित आवेदन के आधार पर ही बच्चे को उसके निकटवर्ती क्षेत्र में प्रवेश की सुविधा दी है।

इसलिए मिला मुहिम को बल

सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए हर कक्षा में तेजी के साथ पैरेंट्स का रुझान बढ़ा है, इसके पीछे दो बड़े कारण हैं, एक तो सरकारी स्कूलों में पिछले तीन चार सालों में पहले के मुकाबले इन्फ्रास्ट्रक्चर में काफी सुधार हुआ है। कुछ स्कूल को निजी स्कूलों का मुकाबला करते दिखाई दे रहे हैं। दूसरा बड़ा कारण कोरोना है। कोरोना काल में स्कूल पिछले डेढ़ साल से बंद हैं, ऐसे में पेरेंट्स निजी स्कूलों से हटाकर बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में करा रहे हैं, वहां उन्हें एक तो फीस के नाम पर बचत होनी है, दूसरा स्कूल में पढ़ते हुए भी बच्चों को ट्यूशन लेना पड़ता था, वर्तमान हालत में बच्चे ट्यूशन तो ले हे हैं, लेकिन स्कूल में जाने वाली मोटी फीस की बचत हो रही है, यही वजह है कि समृद्ध परिवार के लोग भी बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में करा रहे हैं।

ये है दाखिले का आंकड़ा

सरकारी स्कूलों में पहली से 12वीं तक इस बार पिछले साल की तुलना में 20 प्रतिशत ज्यादा दाखिले का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें शुरूआत में ही मोगा का भीमनगर कैंप कलस्टर व शहर तीन नंबर कलस्टर में पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा दाखिले हो चुके हैं। अभी दाखिले की प्रक्रिया जून के अंत तक चलनी है, लेकिन विभाग ने पहले एक महीने में ही 50 प्रतिशत लक्ष्य को पार कर सूबे में नंबर-1 होकर बड़े लक्ष्य की तरफ बढ़ रहा है।

उप जिला अधिकारी राकेश मक्कड़ का कहना है कि सरकारी स्कूलों में हर अध्यापक दाखिला मुहिम में पूरा उत्साह दिखा रहा है, इसी की वजह से अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। एक दिन पहले ही जिले में 610 बच्चों के नए दाखिले किए गए थे, छुट्टी वाले दिन बुधवार को दोपहर तक 100 का आंकड़ा पार कर चुका था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.