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Punjab Crime: मामूली चोर हरप्रीत सिंह जेल में जाकर बना गैंगस्टर, विदेश से हो रही थी मोटी फंडिंग

Punjab Crime मोगा पुलिस की ओर से हथियारों की खेप के साथ गिरफ्तार किया गया आरोपित हरप्रीत सिंह छोटा-मोटा चोर था। वर्तमान में वह कुख्यात गैंगस्टर अर्श डाला के साथ काम कर रहा था। हथियारों की सप्लाई के लिए उसे विदेश से मोटी फंडिंग हो रही थी।

By SATYANARAYAN OJHAEdited By: Published: Tue, 04 Oct 2022 09:50 PM (IST)Updated: Wed, 05 Oct 2022 02:34 PM (IST)
Punjab Crime: मामूली चोर हरप्रीत सिंह जेल में जाकर बना गैंगस्टर, विदेश से हो रही थी मोटी फंडिंग
माेगा मेे हथियारों की खेप के साथ गिरफ्तार हरप्रीत। (जागरण)

जागरण संवाददाता.मोगा। पुलिस की ओर से हथियारों की खेप के साथ गिरफ्तार किया गया आरोपित हरप्रीत सिंह छोटा-मोटा चोर था, वह लुधियाना जिले में सक्रिय था। जेल में बंद एक गैंगस्टर के संपर्क में आकर वह भी गैंगस्टर बन गया। वर्तमान में वह कुख्यात गैंगस्टर अर्श डाला के साथ काम कर रहा था। हथियारों की सप्लाई व गैंग की अन्य गतिविधियां संचालित करने के लिए उसे विदेश से मोटी फंडिंग हो रही थी।

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आरोपित हरप्रीत सिंह को हिरासत में लेने के बाद मोगा पुलिस उसे लेकर फिरोजपुर रोड स्थित एक सरकारी बैंक में लेकर गई थी, बाद में पुलिस वहां से गैंगस्टर के साथ ही एक ट्रंक लेकर निकली, तब से चर्चा चल रही थी कि क्या गैंगस्टर ने बैंक के लाकर में हथियार छुपाए है। मंगलवार को इस मामले का पर्दाफाश होने के साथ ही ये भी साफ हो गया कि गैंगस्टर ने बैंक लाकर में कोई हथियार नहीं छुपाया था,बल्कि उसे विदेशों से होने वाली फंडिंग की जांच के लिए पुलिस मौके पर पहुंची थी।

आइजी प्रदीप कुमार यादव ने बताया कि गैंगस्टर रणजोध सिंह उर्फ ज्योति जिस समय पंजाब की एक जेल में बंद था, उसी जेल में हरप्रीत सिंह का संपर्क रणजोत सिंह के साथ हुआ था। रणजोध सिंह ने ही उसे गैंग में शामिल होने का ये कहकर लालच दिया था कि गैंग के लिए काम करने पर वह ज्यादा पैसे कमा सकता है। हरप्रीत सिंह छोटी-मोटी चोरियां तो करता ही था, लेकिन रणजोत सिंह से जब उसे ज्यादा पैसों का लालच दिया गया तो वह बातों में आ गया था। इसके लिए उसे ट्रेनिंग भी दी गई कि किस तरह से उसे काम करना है।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हरप्रीत सिंह ने रणजोत सिंह के कहने पर अर्श डाला के लिए काम करना तो शुरू कर दिया था, लेकिन उसे जो टारगेट दिया जाता था, वही पूरा करता था। गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं दी जाती थी, हथियार अमृतसर में कहां सप्लाई किए जाने हैं, बस यही जानकारी हरप्रीत को थी, हथियार जिसे सप्लाई किए जाने हैं वह कौन हैं, क्या करता है, इसकी कोई जानकारी उसे नहीं थी।

हरप्रीत को उसके काम के लिए मोटी राशि मिलती थी, लेकिन उसे उसके बैंक खाते में कौन राशि भेज रहा है, इसकी जानकारी भी नहीं थी। प्रारंभिक पूछताछ के बाद पुलिस ने हरप्रीत सिंह के सभी बैंक एकाउंट खंगालकर विदेश के जिन बैंक खातों से राशि हरप्रीत सिंह के खाते में आ रही थी, उन खातों की पड़ताल शुरू कर दी है, ताकि ये पता चल सके कि हरप्रीत को फंडिंग करने वाला आखिर है कौन?


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