पराली को जलाने से रोकने के लिए 330 नोडल अधिकारी नियुक्त
मोगा कोविड संक्रमण को देखते हुए पराली जलाने की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन द्वारा नोडल अफसर तथा कलस्टर अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। वहीं डीसी संदीप हंस ने किसानों से अपील की है कि वे कोविड-19 महामारी फैलने के विशेष हालात में धान की पराली न जलाकर महामारी पर शिकंजा कसने में सहयोग करें। उन्होंने बताया है कि जिले में 330 गांवों के लिए नोडल अफसर लगा दिए हैं।
संवाद सहयोगी, मोगा
कोविड संक्रमण को देखते हुए पराली जलाने की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन द्वारा नोडल अफसर तथा कलस्टर अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। वहीं डीसी संदीप हंस ने किसानों से अपील की है कि वे कोविड-19 महामारी फैलने के विशेष हालात में धान की पराली न जलाकर महामारी पर शिकंजा कसने में सहयोग करें। उन्होंने बताया है कि जिले में 330 गांवों के लिए नोडल अफसर लगा दिए हैं। इसके अलावा 20 कलस्टर अधिकारी भी पराली को जलाने से रोकने के लिए ड्यूटी निभाएंगे। ये नोडल अफसर 15 नवंबर तक गांवों में ड्यूटी निभाएंगे।
डीसी ने कहा है कि ये अफसर उन किसानों की शिनाख्त भी करेंगे, जिनकी ओर से पराली को आग लगाने की संभावना है। ऐसे में ये उक्त किसानों के पास सीधी पहुंच करके उनको ऐसा करने से रोकेंगे। यह अफसर पराली जलाने वाले किसानों का पता लगाएंगे तथा गांवों के माल पटवारी को राजस्व विभाग की ओर से अलग तौर पर हिदायतों अनुसार राजस्व रिकार्ड में एंट्री करने के लिए कहेंगे। यह नोडल अधिकारी पराली के निपटारे की मशीनों की प्रदर्शनी द्वारा गांवों में जागरूकता पैदा करेंगे। इसी तरह यह अधिकारी जागरूकता पंफलेट भी बांटेंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पराली के निपटान के लिए व्यापक प्रोग्राम तैयार किया गया है। इसके तहत इस वर्ष 23500 अन्य खेती मशीनें किसानों को व्यक्तिगत या समूहों या सहकारी सभाओं द्वारा 50 से 80 प्रतिशत सब्सिडी पर दी जा रही है। इसके अलावा पिछले दो वर्षो में पराली को खेत में ही निपटाने के लिए 51 हजार मशीनें दी गई हैं।