मानसून फिर आया, पर अभी तक नहीं मिला 511 किसानों को मुआवजा
मोगा पिछले साल जुलाई-अगस्त में आई बाढ़ का मंजर जब भी आंखों के सामने आता है तो पैरों तले से जमीन खिसक जाती है। बाढ़ के दौरान प्रभावित किसानों को तीन-तीन दिन गांव की सड़कों पर खुली छत के नीचे ही गुजारनी पड़ी थी।
अश्विनी शर्मा, मोगा
पिछले साल जुलाई-अगस्त में आई बाढ़ का मंजर जब भी आंखों के सामने आता है, तो पैरों तले से जमीन खिसक जाती है। बाढ़ के दौरान प्रभावित किसानों को तीन-तीन दिन गांव की सड़कों पर खुली छत के नीचे ही गुजारनी पड़ी थी। इस दौरान 450 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से बचाकर कैंपों में ले जाया गया था। मगर, इस बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई अभी तक नहीं हो पाई है। बाढ़ का शिकार हुए गांव के लोग आज भी विकास की बाट जोह रहे है। वहीं वे प्रशासन से उन्हें हुए नुकसान के मुआवजे की मांग कर रहे हैं। बता दें कि बाढ़ से हजारों हेक्टेयर फसल पानी में बह जाने से किसानों को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ा था। मगर, अभी तक सभी किसानों के नुकसान की भरपाई नहीं हो पाई है। वे आज भी जिला प्रशासन कार्यालय में मुआवजे को लेकर अधिकारियों एवं कर्मचारियों के चक्कर काट रहे हैं। हालांकि इस मामले में जिला अधिकारियों का कहना है कि किसानों के कागजातों की त्रुटियों की वजह से मुआवजा मिलने में देरी हो रही है। मगर, किसानों की इस समस्या का जल्द हल निकाल लिया जाएगा।
बता दें कि बाढ़ के कारण जिले में सात हजार हेक्टेयर फसल पानी में बहकर बर्बाद हो गई थी। जब जिला प्रशासन ने स्थिति सामान्य होने पर सर्वे करवाया, तो उसमें 2300 किसानों के नाम अंकित किए गए जिन्हें हुए नुकसान का मुआवजा मिलना था। अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान सवा पांच करोड़ के करीब मुआवजा राशि किसानों को मुआवजे के तौर पर बांटी जानी थी। इसके तहत 1789 किसानों को मुआवजा राशि प्रदान की जा चुकी है, जबकि 511 किसानों की मुआवजा राशि मिलना अभी बाकी है। जिसे लेने के लिए किसान जिला प्रशासन कार्यालय में बार-बार चक्कर काट रहे है।
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कागजात पूरे न होने पर हो रही देरी
पटवारी रवि कुमार ने बताया कि जिस भी किसान का बाढ़ के दौरान नुकसान हुआ था, उस हर किसान को मुआवजा राशि मिलेगी। उन्होंने बताया कि जिन किसानों के कागजात पूरे हो गए है, उन्हें मुआवजा राशि प्रदान कर दी गई है। शेष 511 किसानों के कागजात एवं बैंक खाता नंबर सही नहीं है। इनमें से 150 का सर्वें पुन: करवा लिया गया है तथा बाकी को भी जल्द से जल्द मुआवजा राशि आवंटित की जाएगी।
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- हर किसान को मिलेगा मुआवजा : डीसी
डीसी संदीप हंस ने बताया कि जिस किसान का बाढ़ के दौरान नुकसान हुआ है और उसका नाम 2300 किसानों की अंकित सूची में शामिल रहा है, उसे घबराने व परेशान होने की जरूरत नहीं है, हर किसान को मुआवजा राशि मिलेगी।
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ये गांव हुए थे प्रभावित
बाढ़ के दौरान 35 गांव चपेट में आ गए थे लेकिन इनमें से गांव संघेड़ा, मराजपुर, भैनी, कंबोकला व मंदरकलां को सबसे अधिक नुकसान भुगतना पड़ा था। यहां सात हजार हेक्टेयर फसल पानी में बह गई थी।