Move to Jagran APP

बुद्धिहीनता समाज के उत्थान में बाधक है: सुनील शास्त्री

संवाद सहयोगी,मोगा : स्थानीय जवाहर नगर स्थित देवीदास केवल कृष्ण चैरीटेबल ट्रस्ट में करवाए गए कार्य

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Jan 2018 05:25 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jan 2018 05:25 PM (IST)
बुद्धिहीनता समाज के उत्थान में बाधक है: सुनील शास्त्री
बुद्धिहीनता समाज के उत्थान में बाधक है: सुनील शास्त्री

संवाद सहयोगी,मोगा : स्थानीय जवाहर नगर स्थित देवीदास केवल कृष्ण चैरीटेबल ट्रस्ट में करवाए गए कार्यक्रम दौरान संगत को प्रवचन करते धर्माचार्य सुनील कुमार शास्त्री ने बताया कि नवसृजन के लिए सुविचारों पर मनन करना अत्यावश्यक है। सृजन के लिए श्रवण, मनन, निदिध्यासन, साक्षात्कार के चारों तत्वों से गुजरना होता है। उन्होंने कहा कि जहां सुनना विचारपूर्वक, मनन बुद्धिपूर्वक, निदिध्यासन मनपूर्वक, साक्षात्कार आत्मपूर्वक माना है। आज समाज में खलबली मची हुई है। विगत में डूबा इंसान कुछ सोच ही नहीं पा रहा है। इसी का परिणाम समाज पर दुष्प्रभाव के रूप में आ रहा है। विचारहीनता, आचारहीनता, बुद्धिहीनता, अहंकारिता समाज के उत्थान में भारी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि आज सुविचारों की श्रृंखला का जीवन में होना जरूरी है। यह काम हमें स्वयं से ही प्रारंभ करना पड़ेगा। जीव का जीवन नशा जैसे समय से पूर्व ही समाप्त कर देता है, ऐसे ही कुविचार हैं। सुविचारों का हमारे शरीर, मन, बुद्धि व सामाजिक वातावरण पर साकारात्मक प्रभाव होता है। जैसे एक प्रकाशित दीपक से सैकड़ों अप्रकाशित दीपकों को प्रकाश दिया जा सकता है। इसलिए समाज में सुविचारों की कड़ियां फैलाने की जरूरत है। कार्यक्रम में इंदु पूरी, उíमला ¨सघल, मंजू देवी, शकुंतला, सविता गोयल, वीना नरूला, इंद्रजीत राही, सुमित शर्मा, कुलवीर चौहान, मंजू गुलाटी, ज्ञानी प्रीतपाल ¨सह आदि गण्यमान्य उपस्थित थे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.