लावारिस पशु ने ली बाइक सवार की जान
संवाद सहयोगी, मोगा : बाघापुराना के पास स्थित गांव माहला खुर्द में सोमवार की रात लावारिस पशु से टक
संवाद सहयोगी, मोगा : बाघापुराना के पास स्थित गांव माहला खुर्द में सोमवार की रात लावारिस पशु से टकराकर बाइक सवार युवक की मौत हो गई। घटनास्थल का जायजा लेने के बाद पुलिस चौकी नत्थूवाला के प्रभारी सुखदेव ¨सह ने शव को कब्जे में लेने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार 23 वर्षीय शरीफ मोहम्मद निवासी माहला खुर्द नत्थूवाला से अपने गांव माहला खुर्द की ओर जा रहा था। माहला खुर्द के पास पहुंचने पर शरीफ मोहम्मद की बाइक एक लावारिस पशु के साथ टकरा गई, जिससे वह सड़क पर गिरकर घायल हो गया। राहगीरों ने उसे 108 एंबुलेंस के माध्यम से अस्प्ताल पहुंचाया, लेकिन डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार सिर में अधिक चोट लगने के कारण हेड इंजरी से शरीफ की मौत हो गई।
परिवार आधी रात तक करता रहा इंतजार
मृतक के पिता सुखदेव मोहम्मद ने कहा कि उनका पुत्र शरीफ मोहम्मद नत्थूवाला में दुकान पर खराद का काम करता था। रोजाना सायं करीब आठ से नौ बजे के बीच घर लौट आता था, लेकिन सोमवार रात नौ बजे के बाद से पूरा परिवार शरीफ का इंतजार करता रहा। बार-बार शरीफ का फोन मिलाया जा रहा था, लेकिन उसका मोबाइल स्विच आफ आ रहा था। रात को करीब साढ़े 11 बजे जिस समय पुलिस वालों ने उन्हें बताया कि शरीफ का एक्सीडेंट हो गया है।
पिछले साल भी 9 लोगों की जान ले चुके हैं लावारिस पशु
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार बीते साल मोगा जिले में नौ लोगों ने लावारिस पशुओं के कारण अपनी जान गंवाई और 60 से अधिक लोग घायल हुए थे। लावारिस पशुओं के कारण मोगा रेलवे स्टेशन के पास माल गाड़ी के दो खाली डब्बे भी पलट चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदार विभाग लावारिस पशुओं का कोई स्थायी समाधान करने को तैयार नहीं है। काओ सेस लगाए जाने के बावजूद लावारिस पशुओं को गोशालाओं में पहुंचाने को लेकर कोई प्रयास नहीं किया जा रहा। निगम कार्यालय से ली गई अधिकारिक जानकारी के अनुसार बीते साल दौरान महज 15 लावारिस पशुओं को शहर से पकड़कर कैटल पौंड तक पहुंचाया गया था।
हाईकोर्ट में लगाएंगे याचिका : एडवोकेट अमित कुमार
एडवोकेट अमित कुमार का कहना है कि लावारिस पशुओं को ठिकाने लगाने का काम निगम, नगर कौंसिल या नगर पंचायत का है। यदि ये विभाग अपना काम ठीक से नहीं कर सकते, तो उन्हें काओ सेस इकट्ठा करने का कोई राइट नहीं है। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में जरूरी आंकड़े इकट्ठा करने के बाद हाईकोर्ट में पंजाब सरकार के खिलाफ जनहित याचिका दायर करेंगे, ताकि सरकार काओ सेस को लेकर मनमर्जी न कर सके।
हेलमेट पहनता तो बच सकती थी शरीफ की जान
शरीफ मोहम्मद का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर और मामले की जांच कर रहे सुखदेव ¨सह का कहना है कि यदि शरीफ मोहम्मद ने हेलमेट पहना होता तो शायद आज वह ¨जदा होता। जांच अधिकारी के अनुसार हादसे के समय शरीफ मोहम्मद ने हेलमेट नहीं पहन रखा थी और हादसे के समय उसका सिर सड़क से लगा और हेड इंजरी के कारण उसकी मौत हो गई।