मां के तलाक के 12 साल बाद बच्चों ने पिता की वसीयत को दी चुनौती
पति से तलाक होने के 12 साल बाद तलाकशुदा पत्नी के साथ रह रहे बेटों ने अपने पिता की वसीयत को चुनौती दी है।
संवाद सहयोगी, मोगा : पति से तलाक होने के 12 साल बाद तलाकशुदा पत्नी के साथ रह रहे बेटों ने अपने पिता की वसीयत को चुनौती दी है। हालांकि इस मामले में पहले ही चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट व एसडीएम की अदालत में अलग-अलग केस चल रहे हैं। इस बीच वसीयत को चुनौती देते हुए तीसरे मामले की शिकायत एसएसपी के पास पहुंचने पर थाना साउथ सिटी पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। उधर इस मामले में नामजद किरयाना व्यापारी कुनाल अरोड़ा का कहना है कि वसीयत फर्जी नहीं असली है, आरोप लगाने वाला पक्ष सही है तो वह अदालत में पहले से चल रहे दो मामलों का सामना करे, अदालत में सबूत दे, लेकिन दबाव बनाने के लिए वह इस प्रकार के हथकंडे अपना रहा है, लेकिन वे किसी भी स्तर पर जांच के लिए तैयार हैं
थाना साउथ सिटी के सहायक थानेदार सुरजीत सिंह ने बताया कि मोगा के होटल देव के पास रहने वाले आयुष अरोड़ा पुत्र बलबीर चंद ने तीन अगस्त 2019 को एसएसपी को शिकायत दी थी कि कुनाल अरोड़ा, आशारानी, सोमनाथ, अश्वनी कुमार, रमेश कुमार तथा जगराज सिंह ने होटल देव के पास उसके पिता की जायदाद हड़पने के लिए गलत ढंग से फर्जी वसीयत तैयार की है। पुलिस ने जांच करने के उपरांत उक्त लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
यह है मामला
बलबीर चंद की शादी रजनीबाला नामक महिला के साथ शादी हुई थी। 12 साल पहले रजनीबाला ने अपने पति से तलाक ले लिया था। उस समय रजनीबाला ने अपने दोनों बच्चे अपने साथ ही रखे थे। कुनाल अरोड़ा का कहना है कि तलाक के बाद चाचा ने उसे अपने साथ रखा था, उसी ने अपने चाचा बलबीर सिंह का बीमार होने पर इलाज कराया था। निधन से पहले उन्होंने अपनी जमीन की वसीयत उसके नाम करा दी थी। चाचा की मौत के बाद रजनीबाला के बेटे आयुष ने उसके नाम हुई वसीयत को फर्जी बताकर पटवार खाने में कुर्सीनामा अपने नाम करा लिया था। बाद में उसने वसीयत को चुनौती दी थी। इसके खिलाफ उन्होंने एसडीएम कोर्ट के साथ सीजेएम कोर्ट में भी केस किया था, लेकिन आयुष ने अपनी मां के कहने पर दबाव बनाने के लिए अब तीसरा केस पुलिस में कर दिया है।